मध्य प्रदेश

चुनाव से तीन महीने पहले टिकट के एलान से मिले संकेत; कांग्रेस को दी चुनौती

Tara Tandi
18 Aug 2023 11:23 AM GMT
चुनाव से तीन महीने पहले टिकट के एलान से मिले संकेत; कांग्रेस को दी चुनौती
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भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की घोषणा चुनाव से तकरीबन तीन महीने पहले करके देश की सियासत में एक बड़ा दांव खेल दिया है। इस तरीके का सियासी दांव देश की राजनीति में सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी ने शुरू किया था। चुनाव से तकरीबन एक साल पहले बहुजन समाज पार्टी अपने प्रत्याशियों की घोषणा करके उनको सियासी मैदान में उतार दिया करती थी। फिलहाल भाजपा के इस दांव से सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस पार्टी के सामने आ गई है।
दरअसल, सियासी गलियारों में चर्चाएं इसी बात की सबसे पहले हो रही थी कि कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी से पहले अपने पत्ते खोलकर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करेगी, लेकिन बाजी कांग्रेस से पहले भाजपा ने मार ली। फिलहाल भारतीय जनता पार्टी की और से टिकट बंटवारे में फ्रंट फुट पर की गई इस बैटिंग के बाद कांग्रेस के नेताओं ने बैठकें शुरू कर दी हैं। जल्द ही कांग्रेस भी अब अपने प्रत्याशी घोषित करेगी। हालांकि, कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि भले ही उनके प्रत्याशी बाद में घोषित हों, लेकिन वह भाजपा से ज्यादा मजबूत और जिताऊ होंगे।
अब क्या होगी कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के प्रत्याशियों की घोषणा भी जल्द ही हो जाएगी। मध्य प्रदेश के चुनाव में रणनीतिक तौर पर कमान संभालने वाले नेताओं में शामिल एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने कुछ सीटों पर ही अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं। इससे साफ पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी की तैयारियां समूचे मध्यप्रदेश को लेकर नहीं चल रही है।
वह कहते हैं कि अगर ऐसी तैयारी चल भी रही हैं तो उसमें पार्टी को बहुत माथा पच्ची करनी पड़ रही है। जबकि कांग्रेस में समूचे मध्यप्रदेश के प्रत्याशियों की चयन की प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली है। वह कहते हैं कि कांग्रेस में किसी तरीके की भगदड़ और प्रत्याशी ना घोषित करने की हड़बड़ी के साथ किसी भी तरह का सियासी समीकरण गड़बड़ होने वाला नहीं है। इसीलिए कांग्रेस पार्टी चयन प्रक्रिया के मध्यम से जिताऊ प्रत्याशियों की सूची जल्द ही जारी करने वाली है।
कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी मध्य प्रदेश ही नहीं छत्तीसगढ़ तेलंगाना और राजस्थान में भी अपने प्रत्याशियों की सूची जल्द ही जारी करेगी। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत छत्तीसगढ़ में पार्टी ने प्रत्येक विधानसभा से जो पैनल मंगवाया था, उनमें से ज्यादातर की शॉर्ट लिस्टिंग हो चुकी है। इन राज्यों में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों पर अभी आलाकमान के साथ टिकट बंटवारे को लेकर चर्चा हो रही है। उसके बाद प्रदेश संगठन और राष्ट्रीय कार्यकारिणी समेत पार्टी के संगठनात्मक स्तर पर जिम्मेदार नेताओं की अनुमति के साथ लिस्ट जारी होगी।
पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि क्योंकि कांग्रेस की राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार है। इसलिए टिकट चयन में हर तरीके के सियासी समीकरणों को देखते हुए प्रत्याशी घोषित किए जाने हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि दोनों राज्यों में कुछ वर्तमान विधायकों समेत कुछ मंत्रियों की भी छुट्टी हो सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी ने ऐसा पहली बार किया है कि चुनाव की तारीख से तकरीबन तीन महीने पहले ही अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हो। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक राजीव दुबे कहते हैं कि तीन महीने पहले प्रत्याशी घोषित करने की आधिकारिक घोषणा भाजपा और कांग्रेस जैसी बड़ी राष्ट्रीय पार्टियां पहले नहीं करती थी।
दुबे कहते हैं कि बहुजन समाज पार्टी जरूर अपने प्रत्याशियों की आधिकारिक और अनाधिकारिक तौर पर घोषणा किसी भी चुनाव से लगभग साल भर पहले या दस महीने पहले कर देती थी। ताकि बसपा के वोटर और कैडर को अपने प्रत्याशियों के बारे में समय रहते पता चल सके और बसपा का जनाधार बढ़ता रहे। लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी ने ऐसा करके देश की सियासत में एक नए चलन की शुरुआत कर दी है।
सियासी जानकारों का मानना है कि अब आने वाले चुनाव में यह ट्रेंड भी देखने को मिल सकता है कि जिन सीटों पर सत्ता में मौजूद दल चुनाव हार चुका है वहां पर प्रत्याशियों की घोषणा पहले कर दी जाए। ऐसा करके सिर्फ प्रत्याशी ही नहीं बल्कि पार्टी को मजबूती मिलने की संभावना है बढ़ जाती हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी जो अमूमन चुनाव के नामांकन से एक दिन पहले तक प्रत्याशी घोषित करती हो उसने चुनाव से तीन महीने पहले प्रत्याशियों की सूची जारी करके बड़ा सियासी दांव खेला है। राजनीतिक विश्लेषक अखिलेंद्र प्रताप कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने तीन महीने पहले प्रत्याशियों की घोषणा करके यह बताने के लिए संदेश दिया है कि चुनाव में स्थानीय स्तर पर होने वाली किसी गुटबाजी को कोई जगह नहीं मिलेगी। मध्य प्रदेश के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के अंदर राज्य स्तर पर होने वाली आपसी सियासी खींचतान को भी ऐसा करके बहुत हद तक संतुलित किया गया है।
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