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इंदौर न्यूज़: ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में भारत दुनिया में पांचवें स्थान पर है. भारत सहित कई देशों के लिए यह बड़ी समस्या बन गया है. गरीबी और अशिक्षा इसका बड़ा कारण है. अवेयरनेस न होने के चलते कई बार महिलाएं और बच्चें ही नहीं बल्कि पुरुष भी इसका शिकार हो जाते हैं. इससे बचने के लिए केवल थोड़ी सी सतर्कता की जरुरत है. (भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) इंदौर की विजिटिंग फैकल्टी और अर्थसंगिनी सामाजिक संस्था की फाउंडर शानू मेहता ने यह बात शुकरवार को मिनिस्ट्री ऑफ वूमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक कार्पोरेशन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट द्वारा) ह्यूमन ट्रैफिकिंग विषय पर हुई चर्चा में कहीं.
शानू मेहता ने कहा, कई ऐसे केस है जिसमें महिलाएं इसका शिकार हुई है. ऐसा ही एक मामला दामिनी के साथ हुआ था. उसके गांव में रहने वाले व्यक्ति ने नौकरी दिलाने का लालच देकर उसे साथ में ले गया.
परिवार भी व्यक्ति के भरोसे में आ गया. वह अब तक वापस नहीं लौटी है. एक मामला 20 वर्ष की सरस्वती के साथ भी हुआ. जब उसे तलाशा गया तो पता लगा कि उसके शराबी पिता ने उसे बेचकर एक ऐसे व्यक्ति को दे दिया था जो उसे बेचना चाहता था. सुनीता कृष्णन ने तो इसका शिकार होकर प्रज्वला एनजीओ की स्थापना कर दी और महिलाओं को इस तरह के मामलों से बचाने और तलाशने का काम कर रही है. शानू मेहता का कहना है कि हमारी अर्थसंगीनी एनजीओ भी इंदौर और प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में इसे लेकर अवेयरनेस लाने का काम कर रहा है. कई व्यक्ति बड़े पैकेज में नौकरी दिलाने के नाम पर महिलाओं को इस तरह के जाल में फांसते हैं.