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सर्वे में 88% ने माना कपड़ा मिलों की जमीन को ऑक्सीजोन बनाया जाए
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इंदौर न्यूज़: देश के सबसे स्वच्छ शहर को सेहतमंद बनाए रखने के लिए एक-दो नहीं बल्कि कई ऑक्सीजोन की दरकार है. मालवा और कल्याण मिलों की जमीन पर लहलहाता सिटी फॉरेस्ट शहर की शुद्ध आबोहवा का सबसे बड़ा स्रोत है और इसको बचाने के लिए 88 फीसदी से ज्यादा शहरवासी लामबंद हैं.
इस तरह हुआ सर्वे
सिटी फॉरेस्ट बचाए रखने सहित अन्य सवालों को लेकर शहर की प्रतिक्रिया जानी. ऑनलाइन सर्वे फॉर्म 3 जुलाई को जारी किया गया. 4 जुलाई की देरशाम तक औसत 94 प्रतिशत तक रिस्पांस मिला है, इसमें हर वर्ग ने अपने जवाब ऑनलाइन दिए हैं. रेंडम आधार पर भेजे गए कुल ऑनलाइन फॉर्म से शहर का मन जाना.
हरियाली उजाड़ने में इनको माना जिम्मेदार
हरियाली उजाड़ने में भी अफसरों, जनप्रतिनिधियों और भू-माफिया को जिम्मेदार माना गया है. 3 जुलाई को जारी सर्वे लिंक पर 48 घंटे के दौरान औसत से ज्यादा जवाब आए हैं, इसमें पहले घंटे में ही 25 प्रतिशत शहरवासियों ने रिस्पांस दर्शा दिया. 4 जुलाई की देर शाम तक ऑनलाइन सर्वे लिंक पर आए जवाबों ने मिलों की जमीनों पर हरियाली उजाड़ने का प्लान करने वालों को आईना दिखा दिया है.
ऑनलाइन सर्वे में यह थे 5 सवाल
Q3.क्या शहर में बने सिटी फॉरेस्ट पर्यावरण सुधार के लिए काफी हैं?
5.5%
89%
A. यहां बने आक्सीजोन: बायपास ट्रेचिंग ग्राउंड के आसपास. कृषि कॉलेज के पास. खंडवा रोड: लालबाग के पीछे सहित अन्य क्षेत्र के नाम भेजे गए. पोलोग्राउंड औद्योगिक क्षेत्र.