मध्य प्रदेश

गुना के जिला न्यायालय परिसर में स्व. रमेशचंद्र लाहोटी एडवोकेट ई-लायब्रेरी का शुभारंभ

Shantanu Roy
24 July 2022 12:27 PM GMT
गुना के जिला न्यायालय परिसर में स्व. रमेशचंद्र लाहोटी एडवोकेट ई-लायब्रेरी का शुभारंभ
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गुना। अपने गौरव इतिहास और वर्तमान के जरिए देशभर में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके गुना जिला न्यायालय एवं जिला बार एसोसिएशन ने एक और विशिष्ट उपलब्धि हासिल कर ली है। 23 जुलाई को वह बहुप्रतीक्षित क्षण आ गया, जब गुना जिला न्यायालय परिसर में स्व. रमेशचंद्र लाहोटी एडवोकेट ई-लायब्रेरी का शुभारंभ देश के वरिष्ठ न्यायाधीगण की मौजूदगी में किया गया।

साल 2004 में रखी गई थी ई-लायब्रेरी की नींव
यह कार्यक्रम तीन अलग-अलग वजहों से चर्चित और सफल रहा। पहला यह कि साल 2004 में जिस ई-लायब्रेरी की नींव देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश स्व. रमेशचंद्र लाहोटी द्वारा रखी गई थी। वह सपना साकार हो रहा था। दूसरी वजह एक बार फिर जिले को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सहित हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीगण का आतिथ्य एवं मेजबानी करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और तीसरी वजह यह कि खुद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने यह कहा कि ऐसी लायब्रेरी तो दिल्ली में होना चाहिए।
मौजूद रही विद्वान हस्तियां
गुना जिला न्यायालय परिसर में बनकर तैयार सुविधायुक्त एवं आधुनिक ई-लायब्रेरी का शुभारंभ सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेके महेश्वरी के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि की आसंदी से मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रवि मलिमठ, ग्वालियर बैंच के न्यायाधीश न्यायमूर्ति रोहित आर्य और न्यायमूर्ति गुरुपाल सिंह अहलुवालिया जैसी विद्वान हस्तियां मौजूद रही।
गंगोत्री से स्व. रमेशचंद्र लाहोटी की तुलना
न्यायमूर्ति जेके महेश्वरी ने ई-लायब्रेरी का आधुनिक महत्व और किताबों की प्रासंगिता पर महत्वपूर्ण जानकारियां देते हुए मार्गदर्शन दिया। उन्होंने बताया कि जिस स्थान पर शिक्षा की अविरल धारा बहती होती वह स्थान या तो स्कूल हो सकता है या फिर पुस्तकालय। यह कल्पना की जाए कि अगर एक कमरे में बहुत सारे लोग बैठे हैं और आपस में बात न करते हुए किताबों से ज्ञान अर्जित कर रहे हैं, तो वर्तमान समय में सिर्फ और सिर्फ पुस्तकालय ही वह जगह हो सकती है। गुना के गौरव और देश के मुख्य न्यायाधीश रहे स्व. रमेशचंद्र लाहोटी का स्मरण करते हुए जस्टिस महेश्वरी ने उनकी तुलना गंगोत्री से की।
कार्यक्रम में प्रस्तुत की गई ई-लायब्रेरी की रूपरेखा
कार्यक्रम में मौजूद ग्वालियर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रोहित आर्य के मुताबिक गंगा की पवित्रता और अमृत्व से सभी परिचित हैं। लेकिन गंगा का असली सौंदर्य देखना हो तो पहले गंगोत्री जाएं। लाहोटी परिवार और स्व. रमेशचंद्र लाहोटी का वही स्थान है। समारोह की मेजबानी कर रहे जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामपाल सिंह परमार ने ई-लायब्रेरी के उद्गम से लेकर इसके निर्माण तक पूरी रूपरेखा प्रस्तुत की। लाहोटी द्वारा द्वारा दिए गए योगदान का भी उन्होंने जिक्र किया।
लॉ-फाइंडर सॉफ्टवेयर का मिलेगा ई-लायब्रेरी में लाभ
कार्यक्रम में जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्षों ने भी अपने-अपने संस्मरण साझा किए। न्यायाधीशगण की मौजूदगी में समारोह जैसे-जैसे आगे बढ़ा, इसकी गरिमा और उज्जवल होती गई। लाहोटी परिवार के सदस्य और उच्च न्यायालय मप्र के पूर्व कार्यवाहक प्रधान न्यायाधीश केके लाहोटी ने बताया कि गुना की ई-लायब्रेरी को तीन प्रकार के सॉफ्टवेयर से सुसज्जित किया गया है। इन सॉफ्टवेयर के जरिए सुप्रीम कोर्ट के र्निाय ऑनलाइन पढ़े जा सकेंगे। एक सॉफ्टवेयर से एआईआर के माध्यम से तमाम कानूनी निर्णयों को सर्च किया जा सकेगा। इसके अलावा लखनऊ के लॉ-फाइंडर सॉफ्टवेयर का भी इस ई-लायब्रेरी से लाभ उठाया जा सकेगा। अंत मे बार एसोसियेशन के सचिव मनोज श्रीवास्तव ने मार्मिक अंदाज़ में आभार प्रकट कर कार्यक्रम को अंजाम तक पहुंचाया
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