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मध्य प्रदेश
भोपाल में आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा करने का मामेले में गुरुआशीष अस्पताल के संचालक पर धोखाधड़ी का केस दर्ज
Teja
13 July 2022 1:14 PM GMT
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धोखाधड़ी का केस दर्ज
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा करने का मामला एक बार फिर सामने आया है. फर्जीवाड़ा करने वाले गुरुआशीष अस्पताल के संचालक संदीप दुबे पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है. आरोप है कि संचालक संदीप दुबे ने दो महिलाओं को अस्पताल में भर्ती दिखाकर 70 हज़ार रुपये के बिल दिखाए थे. इस मामले की जांच करने पर खुलासा हुआ कि वो दोनों महिलाएं कभी अस्पताल में भर्ती हुई ही नहीं थी. अस्पताल संचालक संदीप दुबे ने फर्जीवाड़ा कर आयुष्मान भारत योजना से पैसे वसूले थे. संचालक के खिलाफ गौतम नगर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले 28 निजी अस्पतालों के ख़िलाफ़ जाँच पूरी हो गई है. रिपोर्ट में 11 अस्पतालों की आयुष्मान संबंध ख़त्म करने के निर्देश दिए गए है. आगामी तीन महीनों में ये अस्पताल योजना से बाहर होंगे. 9 अस्पताल के पैकेज बदलने और 5 अस्पतालों पर जुर्माना लगाया जाएगा. योजना से संबंधित क़रीब 550 में से 300 निजी अस्पतालों की जांच हुई है. जिसमें पता चला है कि मरीज़ों को ज़बरन भर्ती किया जाता था और करोड़ों का भुगतान मांगा जाता था.
सरकार ने निजी अस्पतालों का क़रीब 800 करोड़ का भुगतान रोक दिया है. योजना के लिए थर्ड पार्टी ज़िम्मेदार कंपनियां अस्पतालों के साथ मिलकर सरकार को चूना लगा रही थी, अस्पतालों ने छोटी बीमारियों के इलाज के नाम पर करोड़ों रुपया का क्लेम करके पैसे लेते थे.एक रिपोर्ट के मुताबिक गुरूआशीष अस्पताल ने पिछले डेढ़ साल में करीब 1655 मरीजों को आयुष्मान योजना से भर्ती दिखाकर करीब साढे़ चार करोड़ रुपए का क्लेम आयुष्मान भारत निरामयम मप्र से लिया है.
वैष्णव अस्पताल में भी हो चुका है फर्जीवाड़ा
जानकारी के मुताबिक आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े का मामला भोपाल से ही महीने भर पहले सामने आया था, जिसमें वैष्णव अस्पताल ने इसी तरह फर्जी मरीज भर्ती दिखाकर क्लेम लिए गए थे. इस पर FIR के बाद अस्पताल के संचालक डा. विवेक परिहार को गिरफ्तार किया गया था, यह गड़बड़ी उजागर होने के बाद ही प्रदेश के विभिन्न जिलों के 47 निजी चिकित्सालयों की जांच चिकित्सकों के 20 दल बनाकर की गई थी, इनमें 28 अस्पतालों में गड़बड़ी मिली थी. बड़ी बात यह है कि इनमें भोपाल के 15 अस्पताल शामिल हैं.
Teja
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