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भोपाल | मध्य प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मतदाता सूची अपडेशन कार्य के चलते राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इससे 70 हजार कर्मचारी अधिकारी प्रभावित होंगे।नई व्यवस्था के बाद अब राज्य सरकार को कलेक्टर का तबादला करने के पहले चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। बता दे कि रविवार देर रात ही राज्य सरकार द्वारा 18 आईएएस अफसरों के तबादले किए गए है।
दरअसल, मध्य प्रदेश में 2 अगस्त से द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण का कार्य शुरू होगा, जो 31 अगस्त तक चलेगा। वही मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने कलेक्टरों को निर्देश दिए है कि 2 से 31 अगस्त तक प्रदेश के सभी मतदान केंद्रों पर प्रत्येक कार्य दिवस में कार्यालयीन समय पर बीएलओ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। मतदाताओं के नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए आए आवेदनों का तत्काल निराकरण करने और सेक्टर अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिए गए पुनरीक्षण के दौरान 3 अगस्त से 10 अगस्त तक सेक्टर अधिकारी मतदाताओं और बीएलओ की उपस्थिति में मतदाता सूची का वाचन करेंगे। 5 जनवरी 2023 के बाद से जितने नाम मतदाता सूची से काटे गए हैं, उसका भी सेक्टर अधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
इसके अलावा एक घर में यदि 6 से अधिक मतदाता हैं तो उसका भी सेक्टर अधिकारी द्वारा सत्यापन किया जाएगा और इसके बाद चार अक्टूबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मतदाता सूची के कार्य को देखते हुए आयोग ने शासन को निर्देश दिए हैं कि इससे जुड़े किसी भी अधिकारी-कर्मचारी का तबादला न किया जाए। यदि उसे हटाया जाना आवश्यक है तो आयोग से पूर्व अनुमति ली जाए। इसमें 64 हजार 100 बूथ लेवल आफिसर सहित सेक्टर अधिकारी, रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी और कलेक्टर शामिल हैं।
चुनाव आयोग कि इस रोक के बाद अब राज्य सरकार को कलेक्टर का तबादला करने के पहले चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। 2 अगस्त से प्रारंभ होने जा रहे मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्य को देखते हुए यह व्यवस्था लागू की गई है। खबर तो ये भी है कि मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना की ओर से चुनाव आयोग को एक स्थान पर तीन साल से पदस्थ अधिकारियों को हटाए संबंधी निर्देश का पालन प्रतिवेदन सोमवार तक देना है। बता दे कि राजस्व, सामान्य प्रशासन, गृह सहित अन्य विभाग, ऐसे अधिकतर अधिकारियों का तबादला कर चुके हैं।
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