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मध्य प्रदेश
जिले के वन परिक्षेत्रों में नियम कायदों को ताक पररख चल रहे अवैध ईंट भट्ठे
Gulabi Jagat
7 Feb 2025 2:47 PM GMT
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Raisen। जिले के वन विभाग के वन परिक्षेत्रों के नजदीक सैकड़ों ईंट भट्ठे आग से धंधक रहे हैं ।जिससे ईट भट्टों का जहरीला धुआं हवा में पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ावा दे रहा है। इन ईंट भट्ठो का यह विषैला धुआ जंगल के वन्य प्राणियों सहित वन्य पक्षियों वन्यजीवों को नुकसान पहुंच रहा है। इस तरह एनजीटी के नियमों का भी कड़ाई से पालन नहीं हो पा रहा है।
पर्यावरण को नुकसान:बिना अनुमति के चला रहे ईंट भट्टा, रसूख इतना कि अफसर नहीं कर रहे कार्रवाई...
इन दिनों नदी और रायसेन शहर के आसपास संचालित हो रहे ईंट भट्टों के कारण जहां नगर का वातावरण प्रदूषित हो रहा है,।वहीं पर्यावरण, नदियों का अस्तित्व भी खत्म होता जा रहा है। वन विभाग सहित खनिज और राजस्व विभाग के अफसरों की अनदेखी के चलते इन ईंट भट्टा संचालकों को बढ़ावा मिल रहा है। कार्रवाई नहीं होने से भट्टा संचालक बेफिक्र हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन ईंट भट्टा संचालकों के राजनीतिक रसूख इतना है कि अफसर इन पर कार्रवाई करने से भी परहेज करते हैं।
यही वजह है कि नगर सहित आसपास ईंट भट्टाें का संचालन बढ़ रहा है। इससे प्राकृतिक संसाधनों का अस्तित्व खत्म हाे रहा है। कई ईंट भट्टा संचालकों के पास अनुमति नहीं है। इसके बाद भी अवैध उत्खनन कर नदियों का स्वरूप बिगाड़ने में लगे हुए हैं ।जिससे पर्यावरण नुकसान के साथ-साथ क्षेत्र का वाटर लेवल भी नीचे जा रहा है।
जंगलों के मुंडी मीनारों के अंदर चल रहे भट्ठे....
बेसिस ऑफ़ शासन के नियम अनुसार जंगल की सीमा से एट भत्तों का संचालन करीब 200 मी होना चाहिए लेकिन एट भट्ठा संचालक नियमों को तक पर रखकर मंडी मनरो के अंदर ही कारोबार कर रहे हैं ।जिससे पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है इन ईंट भट्ठों की आग से जंगल का भी जनजीवन अस्त व्यस्त हो रहा है।
जंगलों में जेसीबी से नालों नदियाें के किनारे की मिट्टी भसुआ खाेदने से बाढ़ का खतरा....
तहसील रायसेन के खरबई, रतनपुर बुद्धा, मेंडोरी नीमखेड़ा नांद उरदेंन हिरनखेड़ा, बिलार खोह सेहतगंज ,बर्रुखार, सेवासनी के नजदीक सालेरा, सेमरा शाहपुर दीवानगंज,सलामतपुर, भरतीपुर, माधो,बागोद तिजालपुर,पाली करहोद, भादनेर खरगावली तजपुरा टेकरी महू पत्थरई पहाड़ी चांदना,अंडोलआदि जगहों पर सैकड़ों ईंट भट्ठों के संचालित होने की खबरें मिल रही हैं।जिम्मेदार विभागों के अधिकारी कार्रवाई करने से बच रहे हैं।इससे साफ जाहिर हो रहा है कि इन कारोबारियों से हर महीने मोटी सेवा शुल्क घर दफ्तर में बैठकर ही मिल रही है।
अफसरों ने जांच कर कार्रवाई का किया था दावा पिछले दिनों दैनिक अखबारों में खबर प्रकाशित कर ऐसे ईंट भट्टों की जानकारी देकर अफसरों का ध्यानाकर्षण करवाया था। तब अफसरों ने जांच कर कार्रवाई की बात कही थी।लेकिन अब तक न जांच हुई न कार्रवाई। यही वजह है कि भट्टा संचालक भी बेफिक्री के साथ अपने काम को अंजाम देने में लगे हुए हैं। हालत यह है कि अब जेसीबी से जंगलों नाले नदियों के किनारे की मिट्टी खोदकर ईंट बनाने में उपयोग की जा रही है। इससे ना बल्कि नालों नदियों का अस्तित्व खत्म होने के साथ-साथ बारिश में बाढ़ के हालत बनते दिख रहे हैं।
इन नदियों का अस्तित्व संकट में रायसेन जिले की बारना,बेतवा रीछन घोघरा ,तेंदोंनी और इक्यावनघोड़ा पछाड़ नदी के आसपास बड़े स्तर पर ईंट बनाने का काम किया जा रहा है। इससे नदियों के अस्तित्व पर भी संकट खड़ा हो रहा है।
इनका कहना है....
तहसील रायसेन क्षेत्र में अवैध ईंट भट्ठे चलने की शिकायतें मिल रही हैं।जल्द ही इन ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा।
मुकेश सिंह एसडीएम रायसेन
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