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इंदौर: आईआईटी इंदौर ने साल की अवधि के लिए वाल्वो-आयशर कामर्शियल वाहन लिमिटेड (Volvo Eicher Commercial Vehicles Limited -VECV) के साथ एमओयू किया है. यह समझौता विज्ञान संबंधी जानकारी के आदान-प्रदान को आसान बनाने के लिए किया गया है. यह समझौता ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए भविष्य की आवश्यक क्षमताओं के विकास और सक्रिय उद्योग के लिए पहले से तैयार कौशल के विकास के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। इससे VECV के कर्मचारियों को M.Tech, MS(R) और पीएचडी डिग्री हासिल करने में भी सहायता मिलेगी।
क्या कहना है IIT इंदौर का
आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास एस जोशी ने कहा,”इस समझौते में संयुक्त अनुसंधान, वैज्ञानिक गतिशीलता, वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी शामिल होगा. यह समझौता VECV के कर्मचारियों के प्रशिक्षण, आईआईटी के छात्रों की इंटर्नशिप, संयुक्त कार्यशालाओं,अनुसंधान और परामर्श परियोजनाओं में भी मदद करेगा. वीईसीवी के कर्मचारी पहले वर्ष के तीन तिमाही में ऑनलाइन एमटेक पाठ्यक्रम को पूरा करेंगे. इसके बाद, दूसरे वर्ष में, परियोजना कार्य या तो VECV की पीथमपुर और भोपाल यूनिट में या आईआईटी इंदौर के प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों के मार्गदर्शन में आईआईटी इंदौर में करेंगे. इसी क्रम में निर्धारित पाठ्यक्रमों को पूरा करने के बाद, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक व्हीकल में एग्जीक्यूटिव एमटेक डिग्री आईआईटी इंदौर की ओर से प्रदान की जाएगी।
इस समझौते से फायदा क्या होगा
प्रोफेसर जोशी (Professor Joshi) और सचदेवा ने भरोसा जताया कि उद्योग और शिक्षा जगत के बीच इस तरह के सार्थक समझौते से मितव्ययी लेकिन विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी के विकास की संभावना है जो ‘Make in India’ पहल को पूरा कर सकती है.इसके साथ ही उन्होंने इंदौर के भविष्य के अनुसंधान और विकास केंद्रों में से एक के रूप में उभरने की संभावना भी व्यक्त की. समझौते पर दस्तखत आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास एस जोशी और VECV के मुख्य परिचालन अधिकारी राजिंदर सिंह सचदेवा ने किए।