मध्य प्रदेश

किसी को सर्दी-जुकाम है तो लक्षणों की अनदेखी न करें

Admin Delhi 1
20 Dec 2022 9:30 AM GMT
किसी को सर्दी-जुकाम है तो लक्षणों की अनदेखी न करें
x

भोपाल हेल्थ न्यूज़: छोटे बच्चों में खासकर नवजात शिशुओं में सर्दी-खांसी जुकाम आम बात है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ के अनुसार छोटे बच्चों को साल में 6-10 बार इस तरह की समस्या होती है. इसकी वजह पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की इम्युनिटी का कमजोर होना है. इनमें वायरल इंफेक्शन का खतरा बना रहता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो सर्दी -जुकाम होने के बाद बच्चों की इम्युनिटी अच्छी हो जाती है. जानते हैं कि सर्दी में नवजात शिशओं की देखभाल कैसे करें कि उन्हें समस्या न हो.

सर्दी-जुकाम नाक और गले के संक्रमण ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण की वजह से होता है. 100 से अधिक वायरसों से नवजात में संक्रमण हो सकता है. वायरस बच्चों के मुंह, नाक और आंखों से शरीर में प्रवेश करते हैं. दूसरा बड़ा कारण ठंडी हवा भी है. तीसरा प्रमुख कारण अगर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो उनसे भी वायरल इंफेक्शन हो जाता है. फ्लू के वायरस हवा या सतह पर करीब दो-तीन घंटों के लिए जीवित रहते हैं. इनको छूने से संक्रमण हो सकता है.

कुछ कारगर उपाय:

नाक के म्यूकस को ढीला करने के लिए भाप दिलाना असरकारी है. शिशु के कमरे में फेशियल स्टीमर या वेपोराइजर की मदद से भाप फैला दें.

एक साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए गर्म पानी में यूकेलिप्टस ऑयल की कुछ बूंदें भी डाल सकते हैं. इसको नारियल तेल में मिलाकर मालिश भी कर सकते हैं.

दो साल से अधिक उम्र के बच्चे को नमक के पानी से गरारे करवाएं. पहले सादे पानी से गरारे करना सिखाएं.

दूध पिला रही माताओं को अपने आहार का भी ध्यान रखना चाहिए. ऐसे आहार नहीं खाने चाहिए जिनसे नवजात को भी समस्या हो. उन्हें चाहिए कि आहार में सौंठ और शतावरी लें.

नवजात का सिर और पैर हमेशा कवर रखें. इनसे ही ठंडक लगने की आशंका रहती है.

संभावित लक्षण:

नाक बंद होना या बहना पहला लक्षण हो सकता है. शुरू में नाक से बहने वाला लिक्विड पतला होता है, लेकिन फिर गाढ़ा हो जाता है. साथ ही चिड़चिड़ापन बुखार, खांसी (खासकर रात में ), छींकें आना, भूख कम लगना और नींद में समस्या होती है. ऐसा 3-10 दिनों तक रह सकता है.

लापरवाही ठीक नहीं:

तीन दिन से हालत में सुधार नहीं हो रहा है. सूखी खांसी या बहुत ज्यादा खांसी हो, नवजात सुस्त, चिड़चिड़ापन, डिहाइड्रेशन, उल्टी-दस्त, छह घंटों से यूरिन नहीं किया है और कान खींच रहा है.

फ्लू के लक्षण समझें:

शिशु को सर्दी-जुकाम के साथ ठंड लगना, उल्टी-दस्त हो रहा तो फ्लू हो सकता है. साथ ही सिरदर्द और शरीर की मांसपेशियों में दर्द, बदन दर्द, गले में दर्द की समस्या हो सकती है. लेकिन नवजात नहीं बता पाता है.

ऐसे तेल से करें मालिश:

एक चम्मच सरसों तेल में एक लहसुन की कली, एक लौंग, एक चुटकी अजवायन मिलाकर गर्म करें. जब गुनगुना हो जाए तो नवजात की छाती और पीठ पर लगाएं.

निमोनिया के लक्षण:

निमोनिया में भी सर्दी-जुकाम के साथ शुरुआत होती है. लेकिन पसीना आना, तेज बुखार व खांसी, पेट के निचले हिस्से में दर्द, त्वचा का लाल होना, तेज-तेज सांस लेना आदि.

Next Story