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मध्य प्रदेश की एक आईएएस अफसर पर लैपटॉप चोरी का आरोप लगा है। सागर जिले के बीना में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आशुतोष यादव ने धारा 451 और 380 के तहत संज्ञान लिया है। कोर्ट में तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार और ऑपरेटर के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है
परिवादी नंदकिशोर पटवा निवासी आचवल वार्ड के अधिवक्ता अमित सेन ने बताया कि परिवादी ग्राम हिरनछिपा में आधार कार्ड बनाता है। उसकी रोजी-रोटी इससे ही चलती है। 23 जुलाई 2016 को परिवादी दुकान से आधार कार्ड बनाने के उपयोग में आने वाले लेपटॉप, कैमरा सहित अन्य उपकरण घर लाया था। शाम को तत्कालीन एसडीएम रजनी सिंह, तत्कालीन तहसीलदार मोनिका वाघमारे और तहसील कार्यालय में पदस्थ ऑपरेटर जितेन्द्र रैकवार घर में घुसकर वह उपकरण साथ ले गए उपकरण एक लाख चालीस हजार रुपए में खरीदे थे। इसका विरोध करने पर झूठे केस में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी गई थी। सामान वाहन में तहसील कार्यालय ले गए थे।
झूठे केस में फंसाकर जेल भेजने की दी थी धमकी
शिकायत करने और इच्छा मृत्यु मांगने के बाद एक मार्च 2018 को तहसीलदार ने पत्र भेजकर आधार कार्ड बनाने वाली मशीन के उपकरण एसडीएम कार्यालय की नजारत शाखा में रखे होना बताया था। साथ ही यह भी बताया कि उन्हें वापस कर दिया है। एसडीएम कार्यालय से परिवादी को आइरिस, फिंगर मशीन व वेब कैमरा प्रदान किया गया। लैपटॉप नहीं दिया गया। आवेदन पर एसडीएम ने लैपटॉप कार्यालय में न होने की बात कही थी। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर जब्त सामान का रिकॉर्ड नहीं मिला।
2018 में न्यायालय में किया था परिवाद पेश
2018 में पीड़ित ने परिवाद पेश किया गया था। न्यायालय ने आदेश में उल्लेख किया है कि परिवादी के घर में घुसकर उस पर अत्याचार करते हुए उसके घर में रखे उपकरण आदि की चोरी की गई है। प्रथम दृष्टया यह बात तो साबित हो रही है। मौखिक एवं दस्तावेजों के साक्ष्य के विश्लेषण के बाद फैसला होगा।