मध्य प्रदेश

बीमा की रकम हासिल करने के लिए पति ने किया पत्नी का कत्ल, लाखों के कर्ज में था दबा

HARRY
9 Aug 2022 2:59 PM GMT
बीमा की रकम हासिल करने के लिए पति ने किया पत्नी का कत्ल, लाखों के कर्ज में था दबा
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एक पति ने अपनी पत्नी का बीमा कराया. फिर उस पति ने किराए के कातिलों की तलाश शुरू कर दी. आखिरकार उसे तीन किराए के कातिल मिल ही गए. इसके बाद उन लोगों के बीच एक डील हुई. उस शख्स ने पांच लाख रुपये में अपनी पत्नी की सुपारी दे दी. एक लाख रुपये उसने कातिलों को दे भी दिए लेकिन अभी चार लाख की रकम देना बाकी था. तय ये हुआ कि बाकी की रकम काम पूरा हो जाने के बाद चुकाई जाएगी. मगर आगे कुछ ऐसा हुआ कि मामला उलझ गया.

26 जुलाई को सुनसान भोपाल रोड पर रात करीब 9 बजे अचानक एक चौंकानेवाली वारदात हुई. सड़क से बाइक पर गुजर रही एक दंपत्ति पर किसी ने हमला किया और पूजा नाम की एक महिला को गोली मार कर उसकी जान ले ली. चूंकि मामला क़त्ल का था, लिहाजा आनन-फानन में इलाके के बडे पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी गई.
पुलिस ने महिला की लाश को बरामद कर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया और वारदात के इकलौते चश्मदीद उसके पति बद्रीप्रसाद मीणा से पूछताछ शुरू कर दी. बद्रीप्रसाद पास ही एक दूसरे गांव मानपुरा गुजराती का एक किसान था. पूछताछ में बद्री ने पुलिस को बताया कि उस रात मान जोड़ के पास अचानक उसकी बाइक में खराबी आ गई थी. जिसके बाद उसने अपनी बीवी को कुछ देर के लिए सडक के किनारे बैठने को कहा और कुछ मदद जुटाने की कोशिश कर रहा था. लेकिन इसी बीच उसी के गांव के कुछ लोग वहां पर आ पहुंचे और उन्होंने उन दोनों पर हमला कर दिया.
बद्रीप्रसाद मीणा ने आगे पुलिस को बताया कि हमलावर उसकी जान लेना चाहते थे, लेकिन उसकी बीवी पूजा बीच में आ गई और बदकिस्मती से उनकी चलाई गोली पूजा के सीने में लगी और उसकी मौत हो गई. बद्री का कहना था कि गांव के सरपंच मनोहर समेत कुछ लोगों से उसकी दुश्मनी है और इन्हीं लोगों ने दुश्मनी में ये हमला किया.
अब पुलिस ने बद्री की शिकायत के मुताबिक मामले की जांच शुरू की. अव्वल तो बद्री ने जिन लोगों पर इल्ज़ाम लगाए थे, वो सभी के सभी पुलिस को गांव में ही मिल गए, ऊपर से सभी ने बद्री के इलजाम से इनकार भी कर दिया. पुलिस ने जब अपने तौर पर इन लोगों के बयान को वैरीफाई करने की कोशिश की, तो पुलिस को पता चला कि बद्री ने कुछ ऐसे लोगों के नाम भी अपनी शिकायत में लिखवा दिए, जो वारदात के वक्त गांव के आस-पास थे नहीं, बल्कि किसी दूसरे शहर में थे. पुलिस ने इन लोगों के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकलवाई, जिसने गांववालों के बयान की तसदीक कर दी. यानी बद्री अपनी पत्नी के कत्ल को लेकर झूठ बोल रहा था.
उधर, अगले दिन बद्री की बीवी पूजा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई. पोस्टमॉर्टम करनेवाले डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि पूजा की हत्या सीने में गोली लगने की वजह से नहीं हुई, बल्कि उसे बैठी हुई हालत में किसी ने पीठ पर देसी कट्टे से गोली मारी थी. अब ये उसके पति बद्री का दूसरा झूठ भी सामने आ गया था, क्योंकि उसने पहले ही पुलिस को बताया कि उसकी बीवी बीच बचाव में मारी गई और गोली उसके सीने में लगी.
अब पुलिस ने बिना देर किए पूजा के बद्री को हिरासत में लिया और उससे नए सिरे से पूछताछ शुरू कर दी. बद्री ने कुछ देर तो पुलिस को धोखा देने की कोशिश की, लेकिन जब पुलिस ने उसके झूठ का पर्दाफाश किया, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. उसने माना कि इस कत्ल में उसी का हाथ है. लेकिन उसने कत्ल के पीछे की जो वजह बताई वो बड़ी चौंकानेवाली और दर्दनाक थी.
असल में बद्री ने अलग-अलग लोगों से लगभग 50 से 60 लाख रुपये उधार ले रखा था. गांव वाले उससे ये रुपये वापस मांगते थे, लेकिन वो लौटा नहीं पा रहा था. ऐसे में उसने कर्ज से निजात पाने के लिए एक खौफनाक साजिश रच डाली. उसने अपनी पत्नी के नाम तकरीबन 40 लाख रुपये की एक्सीडेंट पॉलिसी करवाई और उसकी चार किश्तें भी भर दी और इसके बाद साज़िशन उसने पत्नी की ही हत्या कर दी, ताकि उसकी बीमा पॉलिसी एनकैश कर वो कर्ज से छुटकारा पा सके.
उसने एक तीर से दो शिकार करने की तैयारी की थी. पहला तो बीवी का मार कर बीमा के रुपये हड़प लेना, दूसरा बीवी के कत्ल के इल्जाम में उन्हीं लोगों को फंसा देना, जो उससे अपने उधार दिए गए रुपये वापस मांगते हैं. लेकिन तमाम तैयारी के बावजूद उसकी पोल खुल गई. पता चला कि उसने तीन लोगों को अपनी बीवी की हत्या के लिए 5 लाख रुपये की सुपारी दी थी, वो भी उधार.
दरअसल, बद्रीप्रसाद ने किराए के कातिलों से कहा था कि कत्ल के बाद जैसे ही उसकी बीवी के बीमा के पैसे मिल जाएंगे, वो उस पैसे में से ही सुपारी के पैसे भी चुका देगा. मगर ऐसा हो ना सका. मामले का खुलासा हो जाने के बाग अब पुलिस ने एक कातिल शूटर हुनर सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया है. अन्य लोगों की तलाश की जा रही है. अब आरोपियों को बीमा के पैसे तो मिलने से रहे, हालांकि कातिलों को जेल ज़रूर जाना पड़ेगा.
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