मध्य प्रदेश

हाईकोर्ट ने पीएससी में ओबीसी वर्ग को 27 %आरक्षण देने पर लगी अंतरिम रोक के आदेश में संशोधन से इनकार किया

Ritisha Jaiswal
23 Jun 2022 4:46 PM GMT
हाईकोर्ट ने पीएससी में ओबीसी वर्ग को 27 %आरक्षण देने पर लगी अंतरिम रोक के आदेश में संशोधन से इनकार किया
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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पीएससी में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर लगी अंतरिम रोक के आदेश में संशोधन से इनकार कर दिया है।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पीएससी में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर लगी अंतरिम रोक के आदेश में संशोधन से इनकार कर दिया है। ओबीसी आरक्षण के संबंध में दायर सभी याचिकाओं की सुनवाई गुरुवार को जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस ए के शर्मा की युगलपीठ द्वारा संयुक्त रूप से की गई। बताया गया कि उक्त प्रकरण में 25 जुलाई को सुनवाई निर्धारित की है।

गौरतलब है कि आशिता दुबे सहित अन्य की तरफ से प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किए जाने के खिलाफ तथा पक्ष में लगभग 60 से अधिक याचिकाएं दायर की गई थीं। हाईकोर्ट ने कई लंबित याचिकाओं पर ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत दिए जाने पर रोक लगा दी थी। सरकार द्वारा स्थगन आदेश वापस लेने के लिए आवेदन दायर किया गया था। हाईकोर्ट ने 1 सितंबर 2021 को स्थगन आदेश वापस लेने से इनकार करते हुए संबंधित याचिकाओं को अंतिम सुनवाई के निर्देश जारी किए थे। प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने महाधिवक्ता द्वारा 25 अगस्त 2021 को दिए अभिमत के आधार पर पीजी नीट 2019-20, पीएससी के माध्यम से होने वाली मेडिकल अधिकारियों की नियुक्ति तथा शिक्षक भर्ती छोड़कर अन्य विभाग में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं। उक्त आदेश के खिलाफ भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
आरक्षण के खिलाफ दायर याचिकाओं में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने साल 1993 में इंदिरा साहनी तथा साल 2021 में मराठा आरक्षण के मामले में स्पष्ट आदेश दिए हैं कि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किए जाने पर आरक्षण की सीमा 63 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से दायर जवाब में कहा गया था कि साल 2011 की जगगणना के अनुसार प्रदेश में ओबीसी वर्ग की संख्या लगभग 51 प्रतिशत है। सुनवाई के दौरान युगलपीठ से आग्रह किया गया था कि पीएससी में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के संबंध में जारी अंतरिम रोक के आदेश को संषोधित किया जाए। युगलपीठ ने आग्रह को अस्वीकार करते हुए उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी तथा सरकार की तरफ से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने पैरवी की।


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