मध्य प्रदेश

महिला सरपंच ललिता अहिरवार की जगह उनके पति विनोद अहिरवार ने लिया पद की शपथ

Ritisha Jaiswal
4 Aug 2022 9:24 AM GMT
महिला सरपंच ललिता अहिरवार की जगह उनके पति विनोद अहिरवार ने लिया पद की शपथ
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मध्य प्रदेश में हाल ही में त्रिस्तरीय निकाय चुनाव संपन्न हुए हैं. परिणाम घोषित होने के बाद विजेताओं को सर्टिफिकेट बांटने का सिलसिला जारी है.

मध्य प्रदेश में हाल ही में त्रिस्तरीय निकाय चुनाव संपन्न हुए हैं. परिणाम घोषित होने के बाद विजेताओं को सर्टिफिकेट बांटने का सिलसिला जारी है. लेकिन कर्यवाही के दौरान अधिकारियों की लापरवाही खुलकर सामने आ रही है. कलेक्टर खुद ही नियमों को अनदेखा कर पर्षद पति को सर्टिफिकेट बांट रहे हैं. अब यह मामला सुर्खियों में आ गया है. दमोह जिले के कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल है. दरअसल कलेक्टर चैतन्य पॉलिटेक्निक कॉलेज में निर्वचित सदस्यों को सर्टिफिकेट बांट रहे थे. इसी दौरान कलेक्टर चैतन्य ने दमोह नगर पालिका के वॉर्ड क्रमांक 39 से नवनिर्वाचित शरद कुमारी पति यशपाल ठाकुर को प्रमाण पत्र दिया. हालांकि चर्चा होने के बाद कलेक्टर ने तत्काल प्रमाणपत्र यशपाल ठाकुर से वापस लिया गया. इसके बाद शरद कुमारी को सर्टिफिकेट दिया गया. इसकी फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. लोगों का कहना है कि सरकार ने वंचित वर्ग को आगे बढ़ाने के लिए ही आरक्षण दिया है. इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी इन बातों का ध्यान नहीं रखते.

सरपंच पति को दिलाई शपथ
दमोह जिले में इसी तरह का एक मामला सामने आया है. यहां गैसाबाद ग्राम पंचायत के सचिव ने महिला सरपंच की जगह उसके पति को पद की शपथ दिला दी. इस मामले को लेकर भी सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ. इसका वीडियो भी जमकर वायरल है. दरअसल बुधवार को ग्राम पंचायत गौसाबाद में सरपंच और उप सरपंच पद का शपथ ग्रहण समारोह था. इसमें नवनिर्वाचित महिला सरपंच ललिता अहिरवार को शपथ लेनी थी. इसकी जगह उनके पति विनोद अहिरवार ने पद की शपथ ले ली. इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद बवाल मच गया. सीईओ जिला पंचायत अजय श्रीवास्तव ने कहा कि है मामले की जानकारी ले रहा हूं.
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद मचा बवाल
बता दें कि दोनों मामलों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बवाल मचा हुआ है. कई लोग प्रशासन के लापरवाह अंदाज पर तीखा हमला बोल रहे हैं तो कई लोग आरक्षण के उद्देश्य ही गड़बड़ होने के भी आरोप लगा रहे हैं. वहीं दमोह और रीवा जिले की सोशल मीडिया पर लोग अपनी टिप्पणी दे हे हैं.


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