मध्य प्रदेश

इंदौर की चोइथराम सब्जी मंडी में लगी आग, पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम

Rani Sahu
14 Jun 2023 5:30 PM GMT
इंदौर की चोइथराम सब्जी मंडी में लगी आग,  पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम
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मध्यप्रदेश : इंदौर की चोईथराम सब्जी मंडी में बुधवार दोपहर आग लग गई। इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। आग किस कारण से लगी, यह पता नहीं चल सका है। आग गेट वाले हिस्से में लगी। आग लगते ही काला धुआं दूर तक नजर आने लगा। दोपहर में मंडी में भारी भीड़ थी। आग लगी तो अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोगों ने बाल्टियों से पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की। बाद में फायर ब्रिगेड की दमकलें भी मौके पर पहुंची और आग बुझाने में लग गई।
इंदौर की चोइथराम सब्जी मंडी प्रदेश में सबसे बड़ी मंडी है। यह शहर के राजेन्द्र नगर इलाके में है। आग लगने की सूचना मिलते ही सांसद शंकर लालवानी भी घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने अधिकारियों को तत्काल आग पर काबू पाने के निर्देश दिए। दो दिन पहले ही राजधानी भोपाल के सतपुड़ा भवन में आग लग गई थी। सेना की मदद लेने के बाद भी आग पर काबू पाने में 10 घंटे लग गए थे।
पुलिस ने भीड़ को हटाया…
जब आग की लपटें लोगों को दिखने लगी तो अफरा-तफरी का माहौल हो गया। मंडी के भीतर का हिस्सा खुला है, इसलिए जो भीतर थे, उन्हें आग से बचने का पर्याप्त समय मिल गया। आग लगने के बाद मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई थी। इससे यातायात बाधित हुआ। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को हटाया, ताकि दमकलें व टैंकर आग बुझाने पहुंच सके।
आम से भरे आठ सौ बक्से जले…
आग मंडी के उस हिस्से में लगी, जहां फल बिकते हैं। सबसे पहले आग 44 नंबर दुकान में लगी। यह दुकान ओमप्रकाश मनोहरलाल की है। इसके बाद 66 नंबर दुकान भी आग की चपेट में आ गई। आग लगने की वजह से दो हजार खाली बक्से, आठ सौ कैरेट आम के बक्से जल गए। इसके अलावा कम्यूटर, एसी और फर्नीचर भी जल गया। दुकान के बार एक आयशर वाहन भी खड़ा था, जिसे चालक हटा नहीं पाया और उसका केबिन भी जल गया। फायर ब्रिगेड की दमकलों ने आग पर काबू पा लिया। दो टैंकर पानी आग बुझाने के लिए इस्तेमाल हुआ। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद सांसद शंकर लालवानी भी मौके पर पहुंच गए थे।
नहीं थे आग बुझाने के उपकरण…
प्रदेश की सबसे बड़ी सब्जी मंडी में प्रतिदिन हजारों किसान, व्यापारी और ग्राहक आते हैं। करोड़ों रुपये का कारोबार होता है, लेकिन आग बुझाने के पर्याप्त साधन नहीं थे और न तो दुकानदारों ने अग्निशमन यंत्र रखे थे। न ही परिसर में इसके लिए कोई व्यवस्था की गई। इस कारण आग ने विकाराल रूप धारण कर लिया। यदि फायर ब्रिगेड की दमकलें और थोड़ी देर लगाती तो ज्यादा दुकानों में आग लग सकती थी।
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