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मध्य प्रदेश
HC की ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को लताड़, कहा- आदेश का पालन भी हम ही करवाएंगे, तो प्रशासनिक अधिकारियों की जरूरत
Gulabi
8 Dec 2021 3:59 PM GMT
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HC की ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को लताड़
जबलपुर। हाईकोर्ट में चतुर्थ वर्ग की भर्ती के लिए निकाली गये भर्ती आवेदन में थर्ड जेंडर का प्रावधान नहीं होने के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ(Jabalpur High Court News) ने याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि नियुक्ति अंतिम आदेश के अधीन रहेगी.
हाईकोर्ट भर्ती में थर्ड जेंडर क्यों नहींथर्ड जेंडर नूरी की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों की भर्ती के संबंध में 26 अक्टूबर 2021 को नोटिफिकेशन जारी किया था. आवेदन ऑन लाइन जमा करना था और अंतिम तिथि 24 नवम्बर 2021 थी. याचिकाकर्ता ऑन लाईन आवेदन करने गयी तो आवेदन में थर्ड जेंडर का कोई प्रावधान नहीं था. जिसके कारण वह नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पाई.सब कुछ कोर्ट करेगा, तो अधिकारियों की क्या जरूरत हैऑटो रिक्शा चालकों द्वारा सड़कों में धमाचौकड़ी मचाने और यातायात नियमों का पालन नहीं करने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गयी थी. याचिकाओं की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट युगलपीठ के समक्ष ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए. युगलपीठ ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को जमकर फटकार लगाते हुए कहा, कि आदेश पारित करना और उसका परिपालन करना हमारी जिम्मेदारी है, (jabalpur high court fatkar transport commissioner) तो प्रशासनिक अधिकारियों की आवश्यकता क्या है. युगलपीठ ने पूर्व में पारित आदेश के परिपालन के लिए सरकार को दो सप्ताह का समय प्रदान किया है.
45 दिन में लागू होगा संशोधित मोटर व्हीकल एक्टसोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश की गयी कम्पलाइंस रिपोर्ट पर भी नाराजगी व्यक्त करते हुए युगलपीठ ने कहा था कि हम ट्रॉसपोर्ट कमिश्नर की व्यक्ति उपस्थिति के आदेश को निरस्त करके लापरवाही पर कार्यमुक्त भी कर सकते हैं. याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को युगलपीठ की नाराजगी का सामना करना पड़ा. सरकार की तरफ से बताया गया कि संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट 2019 प्रदेश में 45 दिनों के अंदर लागू कर दिया जायेगा. इसके अलावा बिना परमिट चल रही ऑटो को जप्त किया जायेगा. युगलपीठ ने ओपन कोर्ट में कहा कि अधिकारी न्यायालय के आदेशों को गंभीरता से नहीं लेते हैं. इसलिए याचिका साल 2013 से लंबित है. युगलपीठ ने चेतवानी देते हुए कहा कि भविष्य में ऐसा बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. युगलपीठ ने कम्पलाइंस रिपोर्ट पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय प्रदान किया है. याचिका पर अगली सुनवाई 3 जनवरी को निर्धारित की गयी है.
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