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हाईकोर्ट ने पीएससी परिणाम 2019, 2021 को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज की
भोपाल न्यूज़: मप्र हाईकोर्ट ने एमपीपीएससी परीक्षा 2019 व 2021 के परीक्षा परिणामों को चुनौती देने वाली तीन याचिकाएं निरस्त कर दीं. कोर्ट ने एक महत्त्वपूर्ण मामले में व्यवस्था दी है कि आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस उम्मीदवारों का प्रत्येक चरण में अनारक्षित वर्ग में चयन नहीं होगा. स्पष्ट किया कि अंतिम चरण के समय मेरिट के आधार पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन हो सकता है.
कोर्ट ने कहा कि आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4(4) एवं परीक्षा नियम 2015 का प्रवर्तन परीक्षा के अंतिम चयन सूची बनाते समय लागू किया जाएगा. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अनारक्षित 50 फीसदी सीटों पर आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार का चयन हर चरण में नहीं हो सकता. जब तक ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक कुछ उम्मीदवारों को इंतजार करना होगा.
यह है मामला: पीएससी ने 2019 तथा 2021 के परिणाम 10 अक्टूबर 2022 व 20 अक्टूबर 2022 को घोषित किए थे. आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों ने परिणामों को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ताओं की ओर से मप्र राज्य लोक सेवा परीक्षा नियम 2015 व सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए तर्क दिया गया कि परीक्षा के प्रत्येक चरण में अनारक्षित सीटों में मेरिट के आधार पर सभी वर्गों का चयन किया जाना चाहिए. हाईकोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया और कहा कि हर चरण में आरक्षित वर्ग का चयन नहीं किया जा सकता है. केवल अंतिम चरण के परिणाम जारी करते समय इस पर निर्णय लिया जा सकता है.