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आदिवासी अंचल की संकटग्रस्त की मदद करने वाली परंपरा हलमा गांव-गांव पहुंचेगी: CM शिवराज
झाबुआ न्यूज: आदिवासी वर्ग की संकटग्रस्त व्यक्ति की मदद की परंपरा है हलमा, इस परंपरा को मध्य प्रदेश के गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा। यह ऐलान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान झाबुआ जिले के हाथीपाव पहाड़ी पर हलमा उत्सव और विकास यात्रा के समापन मौके पर किया। मुख्यमंत्री चैहान ने कहा है कि हमारे झाबुआ और अलीराजपुर जिले की हलमा परंपरा अद्भुत है। जनजातीय भाई-बहनों द्वारा सहभागिता की यह परम्परा आज दुनिया को ग्लोबल वार्मिग से बचा सकती है। इस परंपरा से दुनिया को सीखना चाहिए। हलमा जैसी परंपरा में सरकार और समाज मिल कर खड़े हो जाएं तो हम दुनिया को बचाने का संदेश हलमा से दे सकते हैं। हलमा हमको सिखाता है कि कैसे हम मेहनत करें और जनता की भावना के साथ सरकार के साधन मिल कर काम को आसान बनाया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने शिवगंगा परिवार को हलमा की अद्भुत परंपरा को पुनर्जवित करने और प्रतिष्ठा प्रदान करने के लिए बधाई और साधुवाद देते हुए कहा कि हलमा ऐसी परंपरा है, जिससे हम प्रकृति को ग्लोबल वार्मिग से बचा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और समाज मिल कर खड़े हो जाएं तो समूचा परिदृश्य बदल सकता है। समाज के संकल्प को सरकार के संसाधन मिलेंगे तो हम एक नया परि²श्य निर्मित कर सकते हैं। वनवासी समाज की हलमा परंपरा अद्वितीय है। यह संकट में खड़े मनुष्य की सहायता का संदेश देती है। इस परंपरा को समूचे मध्यप्रदेश में विस्तारित करते हुए जल, मिट्टी और पर्यावरण-संरक्षण का कार्य करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की तस्वीर बदल दी है। केंद्र और राज्य की सरकार गरीब कल्याण को समर्पित है। पिछली सरकार ने तो संबल और तीर्थ-दर्शन जैसी योजनाएं और अनुदान की व्यवस्थाओं को ही बंद कर दिया था। हमारी सरकार बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त करने और परिवारों की बेहतरी के लिए लाड़ली बहना योजना शुरू कर रही है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज को अधिकार संपन्न बनाने में पेसा नियम की अहम भूमिका रहेगी। प्रदेश में जनजातीय अंचल में धर्म परिवर्तन का कुचक्र चलने नहीं दिया जाएगा। छल-कपट से जनजातियों की जमीन छीनने की कोशिशों को स़ख्ती से नकारा जाएगा।
उन्होंने कहा कि पेसा नियम में तेंदूपत्ता संग्रहण का अधिकार ग्राम सभाओं को दिया गया है। यह व्यवस्था इसलिए की गई है, जिससे गांव का तेंदूपत्ता गांव में ही टूटे और संग्रहण एवं विक्रय का अधिकार भी गांव में ही रहे। राज्य सरकार तेंदूपत्ता तुड़वाने की मजदूरी भी देगी और उसकी मार्केटिंग के लिए ग्राम सभाओं को आवश्यक सहयोग और प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री चैहान ने कहा कि पेसा नियम में यह भी प्रावधान किया गया है कि मजदूरी के लिए ग्रामीणों को गांव से बाहर ले जाने वाले व्यक्तियों को ग्रामसभा को यह बताना होगा कि वह, गांव के लोगों को कहां और कितने दिन के लिए ले जा रहे हैं। गांव में नई शराब की दुकान खोली जाना है या नहीं, इस संबंध में भी फैसला अब ग्रामसभा ही लेगी। अब एक सीमा से अधिक ब्याज कोई नहीं ले पाएगा। सांसद गुमान सिंह डामोर ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने साथ भोपाल से गैती लेकर यहां पहुंचे हैं। यह हमारी परंपरा का सम्मान है, क्योंकि हलमा में पहुंचने वाले सभी वनवासी बंधु भी इसी तरह गैती लेकर पहुंचते हैं। शिवगंगा अभियान के पद्मश्री महेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने हलमा में शामिल होकर राजधर्म का परिचय दिया है। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि पुराने समय में इस हलमा परंपरा से हजारों की संख्या में तालाब बनते थे, जिसमें राजा भी इसी तरह शामिल होकर श्रमदान करते थे।