मध्य प्रदेश

बगैर तैयारी आदेश लागू तो झेलनी पड़ी फजीहत, उठाए सवाल तो अफसरों ने संभाला मैदान

Harrison
7 Oct 2023 8:52 AM GMT
बगैर तैयारी आदेश लागू तो झेलनी पड़ी फजीहत, उठाए सवाल तो अफसरों ने संभाला मैदान
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मध्यप्रदेश | करीब 11.4 किमी के बीआरटीएस पर नाइट वर्किंग का आदेश जारी हुए करीब एक साल पूरे हो गए हैं. बिना किसी तैयारी के इसे लागू कर दिया गया, जिससे इसका लगातार विवादों से नाता जुड़ा रहा. मारपीट-विवाद के लगातार वीडियो वायरल होने से पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को फजीहत झेलनी पड़ी. लोगों ने नाइट वर्किंग को लेकर सवाल खड़े किए तो अफसर मैदान में उतरे. पिछले दो महीने से पुलिस अधिकारी मैदान में हैं. इससे कुछ हालात सुधरे हैं. दावा है कि अब व्यवस्थाएं पुख्ता होने से हालात काफी सुधर गए हैं.
15 2022 को तत्कालीन कलेक्टर मनीषसिंह ने 24 घंटे वर्किंग को लेकर आदेश जारी किया था. उद्देश्य था कि आइटी कंपनियां, बीपीओ, मॉल, शोरूम आदि 24 घंटे खुले रहेंगे. उनके कर्मचारियों व ग्राहकों की सुविधा के लिए फूड जोन, आइ बसों की व्यवस्था रहेगी. आदेश के बाद मॉल, शोरूम तो नहीं खुल पाए, लेकिन फूड जोन, चाय काफी शॉप खुली रहने लगी. रात में युवा धमाचौकड़ी करते दिखे. नतीजा, नाइट वर्किंग विवादों का गढ़ बन गई. मारपीट, हंगामा, हत्या की वारदातें तक हुईं. वीडियो वायरल हुए.
16 दुकानों को लाइसेंस, 100 मीटर के बाहर दुकानें बंद
पुलिस का दावा है, बीआरटीएस पर 100 मीटर के बाहर दुकानेें रात भर खुलने लगी थीं, उन्हें समय पर बंद कराया जाता है. पलासिया से निरंजनपुर चौराहे तक 16 दुकानदारों ने नियमानुसार निगम से लाइसेंस लिया. यहां सीसीटीवी, पार्किंग की व्यवस्था कराई गई है. दो जगह ऐसी थी, जहां आए दिन हंगामे होते थे. व्यवस्था नहीं करने की स्थिति वे प्रतिष्ठान बंद हो गए, जो चालू हैं वहां पूरी निगरानी है.
बल रात के समय बढ़ा दिया है. हर दुकान पर लाइसेंस बाहर चस्पा कराया गया है. सार्वजनिक स्थानों पर ध्रूमपान करने पर 500 के चालान बने. नशे में गाड़ी चलाने पर गाड़ियां जब्त र्हुइं. इसका असर है कि अब काफी कुछ व्यवस्थित हो गया है. पुलिस लगातार चेकिंग करती है, जिसके कारण हुड़दंग पर भी लगाम है. - अमरेंद्रसिंह, एडिशनल डीसीपी
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