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कोरोनाकाल में बेेटे की मौत के बाद पोता-पोती से दूर हो गए थे दादा-दादी, लौटाई खुशियां
इंदौर न्यूज़: कोरोना में अपने बेटे की मौत के बाद से पारिवारिक विवाद से दादा, दादी अपने पोते, पोती से बिछड़ गए थे. प्रशासनिक अधिकारियों ने समझाइश के जरिए पूरे परिवार को आपस में मिलाकर खुशियां लौटाई है. छावनी स्थित वन स्टॉप सेंटर के अधिकारियों के मुताबिक एक बुजुर्ग दंपति ने प्रशासनिक अधिकारियों से गुजारिश की थी कि उसे पोते पोती से मिलवाया जाए. जब सच्चाई की तह तक अधिकारी गए तो पता चला कि कोरोना में बेटे की मौत के बाद परिवार के लोग बहू की अनदेखी करने लगे, जिससे आहत होकर वह अपने माइके चली गई. अधिकारियों ने बहू सहित पूरे परिवार की कांउसलिंग की.जनसुनवाई में आई थी शिकायत
कलेक्टोरेट में प्रति होने वाली जनसुनवाई में यह मामला सामने आया था. बुजुर्ग दंपति ने कलेक्टर इलैया राजा टी से मिलकर अपने बेटे को बच्चों से मिलाने की गुहार लगाई थी. मामला बेहद नाजुक होने के कारण अपर कलेक्टर राजेश राठौर ने महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को जांच करने के आदेश दिए गए थे.
इसके बाद सभी सदस्य राजी हुए और बुजुर्ग दंपति को अपने पोते पोती सहित पूरे परिवार से मिलने का सपना साकार हुआ. बहू ने अपनी सास पर आरोप लगाया है कि वह टोना टोटका करती है. इसके अलावा पति की मौत के बाद पूरा परिवार पराई समझकर घर से भगा दिया. यहां तक कि ससुराल वालों के साथ साथ मायके वालों को भी समझाइश दी गई. अधिकारियों ने समझाया कि अगर अपने बच्चों को उसके दादा दादी से नहीं मिलने दिया गया तो उसके पति की आत्मा को ठेस पहुंचेगी. ससुराल पर तुम्हारा बराबर का हक है. पूरे परिवार को साथ लेकर चलें क्योंकि घर की बहू की ही जिम्मेदारी है कि पति की मौत के बाद सास, ससुर की देखभाल करें. इतना जरूर है कि तुमसे किसी प्रकार की जबरदस्ती नहीं की जाएगी, अगर मायके में रहना है तो यहां भी रह सकती हो. तुम्हारे बच्चों को कोई नहीं छीन सकता है. कानून तुम्हारे साथ है, पर ऐसा निर्णय लो कि दादा दादी को पोते, पोती से मिलने दिया जाए. इतनी समझाइश के बाद बहू राजी हुई और अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि आप लोगों ने हमारे परिवार को टूटने से बचा लिया है.