मध्य प्रदेश

बच्चों को संस्कार दें, फिर दिल्ली में साक्षी के साथ जो हुआ, वह नहीं होगाः पं. प्रदीप मिश्रा

Admin Delhi 1
11 Jun 2023 8:14 AM GMT
बच्चों को संस्कार दें, फिर दिल्ली में साक्षी के साथ जो हुआ, वह नहीं होगाः पं. प्रदीप मिश्रा
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भोपाल: कुबेरेश्वर धाम के महंत प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने शनिवार को यहां शिव महापुराण कथा के दौरान दिल्ली के साक्षी हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। फिर साक्षी के साथ जो हुआ, वह किसी बच्चे के साथ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह हमारा अटैचमेंट अटैची से नहीं, बल्कि उसमें रखी कीमती वस्तुओं से होता है। वैसे ही, देह में आत्मा और परमात्मा से अटैचमेंट कीजिए। अपने बच्चों को हर हाल में संस्कारित बनाइए।

कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा की पांच दिवसीय शिव महापुराण कथा शनिवार को भोपाल में शुरू हुई। कथा 14 जून तक प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक चलेगी। पहले ही दिन कथा सुनने के लिए भीषण गर्मी के बावजूद लाखों श्रद्धालु पहुंचे। करोंद क्षेत्र में 55 एकड़ के ग्राउंड में ऐसी जगह नहीं थी, जहां श्रद्धालु नहीं बैठे या खड़े थे। भोपाल में शनिवार को तापमान 41.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, दिन में गर्म हवाएं भी चलीं। इसके बावजूद कथा में जन सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह 11 बजे से ही श्रद्धालु पंडाल में पहुंच गए। दोपहर ढाई बजे के बाद कथा शुरू हुई। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने परिवार समेत पूजा-अर्चना की। इसके बाद पं. प्रदीप मिश्रा ने कथा शुरू हुई। उन्होंने कथा में आए श्रद्धालुओं को धन्यवाद भी कहा। कथा के दौरान कई प्रसंग सुनाएं। इस दौरान जयकारे भी खूब गूंजे।

कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि राजा भोज की नगरी भोपाल पर शिव की महान अनुकंपा है, जो यहां महामृत्युंजय शिव पुराण कथा आयोजित हो रही है। इसमें पहले ही दिन इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का पहुंचना भी भगवान शंकर की अनुकंपा है। वास्तव में भोपाल शिवमय हो गया है।उन्होंने कहा कि भगवान शंकर की करुणा और कृपा संपूर्ण विश्व में व्याप्त है। उनकी कृपा दृष्टि से ही यह जगत संचालित है। जब तक शिव की कृपा नहीं होती, जीवन में हम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सकते।

उन्होंने कहा कि शिवपुराण में 24 हजार श्लोक हैं। उनमें से एक श्लोक ही नहीं, बल्कि एक शब्द मात्र को भी जीवन में धारण करने से इस मानव देह के लिए सिद्ध हो जाता है। उन्होंने कहा कि हमें मनुष्य का शरीर तो मिल गया, लेकिन हमने इसके महत्व को नहीं समझा तो सब बेकार है। मानव देह का महत्व भगवान की भक्ति में है। उन्होंने बताया कि शिव अत्यंत दयालु महादेव हैं। शिवमहापुराण में देवराज ब्राम्हण का दृष्टांत देते हुए उन्होंने विश्वास दिलाया कि ह्दय से किया गया मंत्रजाप हमारे जीवन को सफल बना देता है।

मंत्री सारंग ने पत्नी के साथ की पूजा-अर्चना

कथा के शुभारंभ से पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग और उनकी धर्मपत्नी रूमा सारंग ने व्यासपीठ की पूजा-अर्चना की। मंत्री सारंग ने कहा कि हम उस सनातन धर्म में जन्में हैं, जो सारे विश्व को दिशा प्रदान कर रहा है और भारत विश्व गुरु की भूमिका निभा रहा है। कार्यक्रम में नगर निगम महापौर मालती राय के साथ कई लोग मौजूद थे।

कथा में साधु-संत भी आए

कथा पंडाल में लाखों श्रद्धालुओं के बीच साधु-संत भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। गुफा मंदिर महंत रामप्रवेशदास महाराज, षड़दर्शन साधु समाज के प्रमुख कन्हैयादास उदासीन, अखिल भारतीय संत समिति के कार्यकारी अध्यक्ष महंत अनिलानंद उदासीन, महंत राधामोहन दास, महंत लोकनाथ, महत मणिराम दास व आचार्य गंगाप्रसाद दुबे उपस्थित रहे।

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