मध्य प्रदेश

विदिशा में बोरवेल से निकाली गई बच्ची की मौत, आठ घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन

Sonam
19 July 2023 8:03 AM GMT
विदिशा में बोरवेल से निकाली गई बच्ची की मौत, आठ घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
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मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में खुले पड़े बोरवेल के गड्ढे में गिरी ढाई साल की बच्ची को लगभग 7 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाहर तो निकाल लिया गया मगर उसे बचाया नहीं जा सका। जानकारी के अनुसार, ढाई साल की अस्मिता सुबह 11 बजे के लगभग दालान में खेल रही थी। उसी दौरान खेलते-खेलते वह दालान में स्थित बोरवेल के खुले हुए 20 से 25 फीट गहरे गड्ढे में गिर गई, जिसकी सूचना के पश्चात से ही सिंरोज एसडीएम हर्षल चौधरी और कुरवाई एसडीएम अंजली शाह मोर्चा संभाले हुए थे।

इनके नेतृत्व में एनडीआरएफ और अन्य बचाव दल की टीम के द्वारा लगभग आठ घंटे तक बालिका को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू किया गया और देर शाम बालिका को बोरवेल के गड्ढे से भी बाहर निकाल लिया गया। बचाव दल एंबुलेंस के माध्यम से सिंरोज के अस्पताल लेकर पहुंची, लेकिन ढाई साल की अस्मिता आठ से नौ घंटे चली इस लड़ाई में अपने प्राण हार चुकी थी। कुछ देर कोशिश करने के पश्चात चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया, बुधवार सुबह उसका पीएम करवाया जाएगा।

वहीं, प्रभारी कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ योगेश भरसट ने बालिका की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि लाख प्रयासों के बावजूद भी हम बालिका को बचा नहीं पाए। चिकित्सकों ने सात बजकर 42 मिनट पर बालिका को मृत घोषित किया है और उसकी मौत की वजह चेस्ट कंप्रेशन बताई जा रही है। क्योंकि वह सांस नहीं ले पा रही थी। मृत बलिका का शव रात भर मोर्चरी में रहेगा और सुबह उसका पीएम कराया जाएगा। वहीं, विदिशा एसपी दीपक शुक्ला ने बताया कि पहली प्राथमिकता हमारी बच्ची को रेस्क्यू कर बाहर निकालने की थी। लेकिन ये गंभीर मामला था, जिसमें घर के अंदर ही बोर कराया गया था और उसमें किसी प्रकार की सुरक्षा नहीं थी। यह जांच का विषय है और इसमें टीम भेजकर परीक्षण कराया जाएगा।

सीहोर की सृष्टि की नहीं बची थी जान...

बीते महीने सात जून को सीहोर के बड़ी मुंगावली में खुले बोरवेल में सृष्टि नाम की एक बच्ची 300 फीट गहरे बोरवेल में खेलते हुए गिर गई थी। करीब 55 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी बच्ची को नहीं बचाया जा सका था। वहीं, इस हादसे के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशभर में खुले बोरवेल को बंद करने के निर्देश दिए थे, लेकिन घटना के 30 दिन से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद अब भी लगातार प्रदेश में बच्चों के बोरवेल में गिरने के मामले सामने आ रहे हैं।

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