मध्य प्रदेश

बनना था वाटिका-पुस्तकालय, बना कार्यालय

Admin Delhi 1
3 April 2023 6:57 AM GMT
बनना था वाटिका-पुस्तकालय, बना कार्यालय
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इंदौर न्यूज़: बावड़ी हादसे में दोषियों पर कार्रवाई की बात तो सभी कर रहे हैं, लेकिन हादसे के मुख्य कारण उद्यानों में कब्जे को लेकर जिम्मेदार मौन हैं. जनता के मनोरंजन, टहलने और स्वच्छ हवा की इन जगहों पर खुद नगर निगम कब्जे करवा रहा है. निगम ही उद्यानों में पार्षद कार्यालय, जोनल कार्यालय और पानी की टंकी बनाता है. स्नेह नगर उद्यान में भी निगम ने नियमों के खिलाफ पार्षद का कार्यालय बनवा दिया. इस कार्यालय और बावड़ी पर बने मंदिर की एक ही दीवार थी. इस कार्यालय को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान उद्यान की ओर मौजूद दीवार को तोड़ने से सभी बचते रहे. इससे रेस्क्यू ऑपरेशन धीमी गति से चला और कई लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी. अब भी अफसर इस कब्जे को हटाने से बच रहे हैं.

स् नेह नगर उद्यान आइडीए की स्कीम 31 का हिस्सा है. आइडीए ने जब उद्यान विकसित किया, तब यहां मंदिर नहीं था. 1985 में पटेल नगर के पास मौजूद उद्यान (स्नेह नगर उद्यान) को लेकर प्रस्ताव पारित किया. स्टार्स क्लब को लिखे पत्र में तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी हर्ष मंदर ने लिखा था कि बच्चों के मनोरंजन और विकास के लिए बाल उद्यान और पुस्तकालय को विकसित करने का निर्णय लेते हुए इसे स्नेह वाटिका नाम दिया है. यहां उद्यान बाल पुस्तकालय और ओपन एयर ऑडिटोरियम बनाना था. संचालन एक समिति को करना था. इसमें प्रायोजकों के साथ रेडक्रॉस के सदस्य और आइडीए के प्रतिनिधि भी शामिल थे. कार्ययोजना में मंदिर का उल्लेख नहीं था. इस उद्यान की जमीन से बच्चों के पुस्तकालय तो गायब हो गए, लेकिन दो मंदिर और पार्षद का दफ्तर जरूर बन गया. साथ ही पानी की टंकी भी बना दी गई.

अनूप नगर गार्डन: एबी रोड पर अनूप नगर गार्डन में निगम ने कब्जा किया. पहले यहां एक कमरे में वार्ड 43 के पार्षद का कब्जा था, लेकिन अब लगभग आधे उद्यान में पार्षद का कार्यालय चल रहा है.

विकास नगर गार्डन: जंजीरवाला चौराहे से एमआइजी थाने तक जाने वाली लिंक रोड के विकास नगर में सड़क किनारे उद्यान था. अनुसूचित जाति वर्ग की बाहुल्यता वाले विकास नगर और पास की अमर टेकरी के बच्चों के लिए ये उद्यान था. निगम ने पानी की टंकी बनाकर इस उद्यान को खत्म कर दिया.

सफेद मंदिर: परदेशीपुरा में एकेवीएन द्वारा विकसित रेडीमेड कॉम्प्लेक्स के कोने की जमीन उद्यान के लिए तय थी. इस जमीन पर सफेद मंदिर (कन्केश्वरी मंदिर) बनवा दिया गया.

साधु वासवानी गार्डन: यहां बगीचे में वार्ड 65 के पार्षद का कार्यालय बना है.

चार बावड़ी से पूरी स्कीम में सप्लाई होता था पानी

36 लोगों की मौत के बाद अफसर बावड़ी की जानकारी होने से इनकार कर रहे हैं, लेकिन ये बावड़ी स्कीम-31 के पेयजल सिस्टम का हिस्सा थी. 1980 के दशक में जब स्कीम बनाई थी, तब पानी सप्लाई के लिए चार बावड़ियों को मिलाकर सिस्टम बनाया था. स्नेह नगर की बावड़ी और प्रीतमलाल दुआ सभागृह की जगह के साथ उसके दाएं-बाएं की दो अन्य बावड़ियां शामिल थीं. प्रीतमलाल दुआ सभागृह की जगह मौजूद बावड़ी पर टंकी थी.

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