मध्य प्रदेश

सोलर पैनल के उपकरण में निवेश का झांसा, क्राइम ब्रांच ने शुरू की जांच

Admin Delhi 1
14 March 2023 9:16 AM GMT
सोलर पैनल के उपकरण में निवेश का झांसा, क्राइम ब्रांच ने शुरू की जांच
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इंदौर न्यूज़: ग्रीन एनर्जी में निवेश के नाम लोगों से लाखों की धोखाधड़ी के खेल में क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू कर दी है. पीड़ितों के बयान लेकर पुलिस गिरोह के सदस्यों के बारे में पता लगा रही है. चौंकाने वाली बात है जिन खातों में राशि जमा करवाई गई वे सभी फर्जी निकले. कुछ खाते तो किराए पर लिए गए हैं. गिरोह ने 130 लोगों से 22 लाख से अधिक की धोखाधड़ी की है.

डीसीपी निमिष अग्रवाल के मुताबिक धोखाधड़ी के संबंध में पीड़ितों के बयान ले रहे हैं.

नरेंद्र ने बताया कि दोस्त ने उन्हें ग्रीन एनर्जी रिन्यूएबल प्रोडक्ट में निवेश की जानकारी थी. अक्टूबर 2022 में पता चला कि कंपनी कई तरह से निवेश करवा रही है. निवेश की गई राशि 24 घंटे में कंपनी यूपीआइ खाते के वॉलेट में भेजती है. जैसे 1500 निवेश करने पर 500 रुपए का लाभ दिया जाता. ऐसे ही निवेश के लिए 30 सदस्यों को जोड़ने पर मासिक प्लान के आधार पर पैसे लिए जाते थे. कुछ लोगों को 300 रुपए निवेश करने पर 450 का लाभ दिया जाता. शुरुआत में लोगों ने छोटी राशि से निवेश शुरू किया तो उन्हें फायदा मिलने लगा. बाद में गिरोह ने विश्वास जीत उनसे बड़ी राशि निवेश कराना शुरू कर दी. जब बड़ी मात्रा में पैसा एकत्रित हो जाता तो गिरोह सभी से संपर्क तोड़ देता.

क्राइम ब्रांच एडिशनल डीसीपी गुरुप्रसाद पाराशर के मुताबिक धोखाधड़ी करने वाले गिरोह लोगों को वाट्सऐप ग्रुप पर जोड़ते हैं. ग्रुप में सोलर पैनल से जुड़े उपकरण जैसे टॉप, बूस्टर आदि खरीदने के लिए निवेश की बात करते हैं. उपकरण का कुछ पैसा देकर खरीदने और फिर उसके मोटे दाम में बिकने पर कुछ प्रतिशत लाभ देने का वादा किया जाता. पेटीएम के माध्यम से निवेश की गई राशि को किराए के खाते में जमा होने की बात सामने आई है.

पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि जिन इलाकों में गिरोह सक्रिय रहता है, वहां कुछ लोगों को शुरुआती दौर में कम राशि निवेश कराने के बाद मोटा लाभ दिया जाता. उन लोगों के माध्यम से अन्य लोगों को वाट्सऐप ग्रुप पर वेब एड्रेस भेजकर जोड़ा जाता. चेन सिस्टम के रूप में लोग अधिक संख्या में जुड़ जाते तो गिरोह ग्रीन एनर्जी के नाम पर धोखाधड़ी शुरू कर देता. गौरतलब है कि फरियादी जितेंद्र सोनी, संदीप सोनी, नरेंद्र दवे और अन्य ने पांच वाट्सऐप नंबर, तीन मेल आइडी धारकों के खिलाफ केस दर्ज कराया था.

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