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मध्य प्रदेश
PGDM कोर्स को बंद करने के AICTE के निर्देश के बावजूद फर्जीवाड़ा जारी
Gulabi
29 Dec 2021 1:22 PM GMT
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AICTE के निर्देश के बावजूद फर्जीवाड़ा जारी
भोपाल। मध्यप्रदेश में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट यानी PGDM को लेकर गफलत कम नहीं हुई है. नियामक एजेंसियां और तकनीकि शिक्षा विभाग के अधिकारी जाने क्यों इस पर मेहरबान हैं. अखिल भारतीय तकनीकि शिक्षा परिषद पीजीडीएम कोर्स को बंद करने का निर्देश दे चुका है. (PGDM course forgery course mp continues )इसके एक साल बाद भी इस कोर्स को बंद करने का अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. इस बीच प्रदेश के कई प्राइवेट काॅलेजों ने पीजीडीएम की फीस भी तय कर दी.
एक साल पहले PGDM कोर्स बंद करने के निर्देश, नहीं हुआ अमल
पीजीडीएम कोर्स के नाम पर हुई गड़बड़ियों को देखते हुए , ऑल इंडिया काउंसिल फाॅर टेक्नीकल एजुकेशन (AICTE) ने पिछले साल 10 फरवरी को प्रमुख सचिव सहित सभी प्राइवेट यूनिवर्सिटी को पत्र लिखकर पीजीडीएम कोर्स को बंद करने के निर्देश दिए थे. (colleges took fake scholarships pgdm mp) इसकी बजाय एमबीए कोर्स संचालित करने के निर्देश दिए थे. पत्र में लिखा था कि पीजीडीएम कोर्स मैनेजमेंट प्रोग्राम के बैनर के अंतर्गत चलाया जा रहा है.AICTE रेगुलेशन 2020 के मुताबिक पीजीडीएम और एमबीए कोर्स एक ही संस्थान में चलाए जाने की अनुमति नहीं है. संस्थान पीजीडीएम और एमबीए कोर्स एक साथ संचालित नहीं कर सकते.
AICTE के आदेश पर नहीं हुआ अमल
AICTE के आदेश के एक साल बाद भी PGDM कोर्स बंद नहीं हुआ है. मध्यप्रदेश प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति ने आदेश के बाद प्रदेश के 80 से ज्यादा निजी काॅलेजों में पीजीडीएम की फीस तय कर दी. जबकि अधिकांश शिक्षक संस्थानों में पीजीडीएम कोर्स और एमबीए कोर्स एक ही बिल्डिंग में चल रहे हैं. यही स्थिति मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय आयोग की है.लेकिन प्रवेश एवं शुल्क विनियामक कमेटी के मौजूदा अध्यक्ष प्रो. रविन्द्र रामचंद्र कन्हारे को (mp pgdm course scam)ऐसे किसी पत्केर की जानकारी नहीं है.
पीजीडीएम कोर्स को लेकर कई विवाद
पीजीडीएम कोर्स प्रदेश के करीब 110 प्राइवेट काॅलेजों में चल रहा है. 2017-18 में प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति के पदाधिकारियों ने नियमों के परे जाकर और काॅलेजों से सांठगांठ कर 15 काॅलेजों की फीस तय कर दी थी. इसके बाद यह संख्या बढ़कर 110 तक पहुंच गई. काॅलेजों की पीजीडीएम की फीस तय करने में भी खूब मेहरबानी दिखाई गई. पीजीडीएम के एक सेमेस्टर की फीस 1 लाख रुपए तक तय की गई. इस आधार पर काॅलेजों ने सरकार ने अवैध तरीके से स्काॅलरशिप भी उठा ली. बताया जा रहा है कि स्काॅलरशिप के मामले में आरक्षण का भी ख्याल नहीं रखा गया. एक ही वर्ग के छात्रों को 90 फीसदी तक स्काॅलरशिप काॅलेजों ने दे दी.
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