मध्य प्रदेश

पुलिस विभाग के पूर्व आरक्षक ने दी धमकी, क्रोध अनियंत्रित होने पर मारे जा सकते हैं पुलिसकर्मी

Gulabi
12 Nov 2021 12:33 PM GMT
पुलिस विभाग के पूर्व आरक्षक ने दी धमकी, क्रोध अनियंत्रित होने पर मारे जा सकते हैं पुलिसकर्मी
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मध्यप्रदेश की देवास पुलिस के पास एक ऐसा आवेदन पहुंचा, जिसे पढ़कर हर कोई स्तब्ध रह गया

मध्यप्रदेश की देवास पुलिस के पास एक ऐसा आवेदन पहुंचा, जिसे पढ़कर हर कोई स्तब्ध रह गया। इस आवेदन में धमकीभरे लहजे में लिखा गया कि क्रोध अनियंत्रित होने पर मानव वध भी हो सकता है। कई बेगुनाह पुलिसकर्मी व नागरिक मारे जा सकते हैं।


ये आवेदन देने वाला पुलिस विभाग का पूर्व आरक्षक है। इसका नाम मोहन सिंह पिता विक्रम सिंह है, जो देवास में रहता है। वह एसएएफ में आरक्षक था। 2019 में ड्यूटी के दौरान शराब पीने और गैरहाजिर रहने के कारण उसे बर्खास्त कर दिया गया था। अप्रैल में उस पर शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में कार्रवाई हुई थी।

देवास एसपी के नाम लिखे आवेदन में मोहन सिंह ने लिखा कि मेरी बाइक 6 अप्रैल 2021 से कोतवाली में खड़ी है। भारतीय संविधान के तहत सभी नियमों का पालन करते हुए अथक प्रयास करने के बाद भी प्रार्थी न्याय से वंचित है। बाइक बेवजह खड़ी है। प्रार्थी पुलिस विभाग का पूर्व आरक्षक है। विभाग के सभी प्रकार के हथियार खोलना, जोड़ना, चलाना, शिकारी पोजिशन, स्टैंड अप प्रशिक्षण जानता है। रुस्तमजी पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय इंदौर में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। यदि बाइक नहीं लौटाई गई तो विभाग के सरकारी हथियार ऑटोमेटिक राइफल, इंसास, एसएलआर, पिस्टल, थ्री नॉट थ्री या हैंड ग्रेनेड में से किसी एक का उपयोग करते हुए बाइक छुड़ाने के लिए बाध्य हूं। इसमें कई पुलिसकर्मी व आम नागरिक मारे जा सकते हैं। आवेदन एसपी कार्यालय में आवक-जावक शाखा में दिया गया है।

दूसरे आवेदन के जरिए पहला वापस लिया
मोहन सिंह को बाद में समझ आया कि उसने क्या लिख दिया है तो उसने दूसरा आवेदन लिखा। कोतवाली थाना प्रभारी को लिखे आवेदन में उसने कहा कि गुस्से में आकर जो पहला आवेदन दिया था, उस पर कोई कार्रवाई न की जाए। मेरा दिमाग अभी ठीक से काम नहीं कर रहा है।

वाहन नहीं छुड़ाया था, इसलिए थाने में खड़ा है
डीएसपी किरण शर्मा ने बताया कि मोहन सिंह को शराब पीने और गैर हाजिर रहने के कारण 2019 में बर्खास्त किया गया था। शराब पीकर वाहन चलाने के मामले में उस पर कार्रवाई हुई थी। कोर्ट में चालान पेश किया था। आरोपी ने खुद की जमानत करवा ली लेकिन वाहन नहीं छुड़ाया।
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