मध्य प्रदेश

किसानों को योजनाएं समझाने नहीं पहुंच रहे फील्ड अधिकारी

Admin Delhi 1
15 July 2023 12:23 PM GMT
किसानों को योजनाएं समझाने नहीं पहुंच रहे फील्ड अधिकारी
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भोपाल न्यूज़: प्रदेश में मानसून मेहराबन हुआ तो जिलों से कृषि विभाग के अधिकारी गायब हो गए. सरकार के सबसे बड़े मैदानी अमले वाले किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के फील्ड ऑफिसर जैसे अनुविभागीय कृषि अधिकारी, जिलों में पदस्थ उप-संचालक, संभाग स्तर पर बैठने वाले संयुक्त संचालक कृषि से लेकर परियोजना संचालक आत्मा तक की मौजूदगी किसानों के बीच नहीं दिखाई दे रही. इसकी वजह है, 50 प्रतिशत पद खाली हैं, जिनका काम प्रभार देकर चलाया जा रहा है. फील्ड का काम वाले अधिकारियों के पास जो वाहन हैं, वे केंद्र की गाइडलाइन के तहत स्क्रैप पॉलिसी में खत्म हो चुके हैं. अमले को फील्ड में किसानों के बीच रहकर अच्छी खेती के लिए सुझाव और सलाह देना प्रमुख कार्य है. सरकार की किसान हितैषी योजनों के प्रचार-प्रसार, क्रियान्वयन, कृषि में आधुनिक तकनीक अन्नदाता को मुहैया करवाना, भौतिक सत्यापन भी इनके जिम्मे है. पर स्टाफ की कमी और मैदानी अमले के पास पर्याप्त वाहन नहीं होने से कृषि विभाग का मैदानी कामकाज इन दिनों लगभग ठप जैसा हो चला है.

अधिकारी पद

उप-संचालक कृषि 52

परियोजना संचालक आत्मा 52

अनुविभागीय कृषि अधिकारी/ प्रक्षेत्र अधीक्षक 105

प्राचार्य कृषि विस्तार प्रशिक्षण केंद्र 19

संभागीय संयुक्त संचालक 10

संचालनालय स्तर पर अफसर 20

कुल 258

हालात गंभीर...ऐसे में दो ही विकल्प

कृषि विभाग में 25 साल पहले वाहन संकट शुरू हुआ. पुराने वाहन कंडम होते गए और नई की खरीदी हुई नहीं. 1998 से 2005 तक सभी कंडम वाहन ऑक्शन में चले गए. इसके बाद मोटर यान नियमावली-2021 के तहत बचे वाहन सड़क पर चलने लायक नहीं थे, जिससे उन्हें बंद कर दिया गया. मानसून आ चुका है, ऐसे में किसानों से अधिकारियों की दूरी ठीक नहीं. ऐसे में अब दो ही विकल्प हैं. सरकार या तो वित्त विभाग की गाइड लाइन के तहत पद अनुसार वाहन खरीद कर दे या फिर आउटसोर्स पर किराए पर व्यवस्था की जाए. हालांकि ऐसा लगता नहीं है कि यह काम इस मानसून में हो पाएगा.

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