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मध्य प्रदेश
शासकीय प्राथमिक मिडिल Schools की महिला शिक्षिकाएं घर बैठकर हर महीने मोटी तनख्वाह ले रहीं
Gulabi Jagat
13 Nov 2024 4:12 PM GMT
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Raisen रायसेन। तहसील सिलवानी के आदिवासी अंचल प्रतापगढ़ सर्किल में शासकीय प्राथमिक स्कूल एवं मिडिल स्कूल में छात्र छात्राओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था बेहद लचर बनीं हुई है।यहां पदस्थ शिक्षक स्कूल में दस्तक देने नहीं पहुंचते।इसीलिए प्रतापगढ़ सरकारी स्कूलों के बुरेहाल हैं।मनमानी और लापरवाही का आलम यह है कि इस प्राथमिक स्कूल की ज्यादातर महिला शिक्षक प्राथमिक एवं मिडिल स्कूल लम्बे समय से अनुपस्थित हैं। बेगमगंज, बरेली और रायसेन में अपने घर बैठकर वह हर महीने मोटी तनख्वाह पा रही हैं।इनकी लीपापोती वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मीडिया कर्मियों को गोलमाल जवाब देते हैं ।और मामले को दबाने का प्रयास किया जाता है ।जनचर्चा है कि इसके बदले में हर महीने महिला टीचर इनको नजराने में मोटी रकम दे रही हैं।पता चला है कि संकुल केंद्र प्रभारी सुनील पांडेय पूर्व कैबिनेट मंत्री सिलवानी के पीए रहे राजेन्द्र पांडेय के रिश्ते के भाई हैं। यह काफी विवादों में चर्चित रहे हैं।
ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ की सरपंच सविता राय द्वारा स्कूलों की औपचारिक निरीक्षण किया।निरीक्षण के दौरान सरकारी स्कूलों में जगह-जगह गड़बड़ी कमियां सामने आईं। तमाम अवस्थाएं मौके पर मिली है। प्राथमिक स्कूल में कोई नहीं है टीचर ।ऐसे में कैसे बच्चों का भविष्य सुधरेगा । शासकीय प्राथमिक स्कूल प्रतापगढ़ में दो शिक्षिका एक माह से छुट्टी पर बच्चों की पढ़ाई के साथ हो रहा है खिलवाड़।ग्रामीणों का कहना है कि एक महिला टीचर 98-98 दिनों के दो बार आवेदन देकर लंबे मातृत्व अवकाश पर चल रही हैं।शिक्षिका वंदना गुप्ता, नुपूर सैनी भी अक्सर स्कूल से गोल रहती हैं। एक महिला टीचर जरूर रोजाना स्कूल पहुंचकर बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा संभाल रही हैं।
जैथारी सर्किल बहुल आदिवासी क्षेत्र में आने वाले एक दर्जन से अधिक स्कूल है।जन शिक्षण केंद्र चैनपुर के सरकारी स्कूल पापड़ा , ककरूंआ स्कूल सेमराखास जन शिक्षण केंद्र प्रतापगढ़ सलैया परसोरा में जैसे स्कूल है ।इन प्राथमिक मिडिल स्कूलों की व्यवस्था बद से बदतर हो गई है।छात्रों की पढ़ाई भी भगवान भरोसे चल रही है।उनके अभिभावकों को बच्चों के भविष्य की चिंता अभी से सताने लगी है।
इनका कहना है..…
शासन के नियम अनुसार महिला शिक्षक पूनम गौर को दो बार 89-89 दिन के लिए संतान पालन अवकाश पर हैं।इसके लिए संकुल केंद्र में आवेदन भी आया है।सुनील पांडेय संकुल केंद्र प्रभारी।
नियमित शिक्षकों की कमी... बच्चों का भविष्य अंधकारमय कुछ महिलाएं शिक्षक जो ज्वाइनिंग समय से ही किसी न किसी अवकाश पर रही हैं। अभी तक साल में नियमित उपस्थिति नहीं हुई है ।जहां शासन उच्च प्रभार एवं अतिशेष के माध्यम से कमी वाली शालाओं में शिक्षकों की व्यवस्था की जा रही है। वहीं वरिष्ठ अधिकारी वरिष्ठ कार्यालय द्वारा शिक्षकों के मनमर्जी अटैचमेंट किया जा रहे हैं। जिससे विद्यार्थियों का भविष्य खराब हो रहा है। आज भी प्रतापगढ़ क्षेत्र में अनेक शालाएं ऐसी हैं जहां नियमित शिक्षकों की कमी है।
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Gulabi Jagat
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