मध्य प्रदेश

किसानों को तीसरी फसल से भी आय की उम्मीदोंको लग सकता है झटका,मूंग पर इल्ली का प्रकोप, मौसम के साथ कीट पहुंचा रहे नुकसान

Gulabi Jagat
15 May 2024 9:28 AM GMT
किसानों को तीसरी फसल से भी आय की उम्मीदोंको लग सकता है झटका,मूंग पर इल्ली का प्रकोप, मौसम के साथ कीट पहुंचा रहे नुकसान
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रायसेन. जिले में जायद के मौसम में ग्रीष्मकालीन मूंग तीसरी फसल के रूप में लगाई गई है। इस वर्ष जिले में लगभग 1 लाख 10 हैक्टेयर में मूंग की फसल लगाई गई है। जिस पर बेमौसम बारिश के साथ अब इल्ली का प्रकोप देखा जा रहा है। जिससे किसानों को इस तीसरी फसल से भी आय की उमीदें टूटती नजर आ रही हैं। पहले बारिश के चलते बोवनी में देरी हुई और इस वजह से मूंग का रकबा भी कम रहा, अब फसल पर कीट व्याधि खतरा बन रही है।
मूंग की फसल पर छेदक इल्ली का प्रकोप देखा जा रहा है। यह इल्ली फसल के फूलों में रहती है। फूल व कली के निर्माण के समय तथा दानों को भी नुकसान पहुंचाती है। इन दिनों फसल में फूल आने लगे हैं।जिन्हे इल्ली चट कर रही है। जो किसानों की चिंता का कारण बन रही हैँ। कृषि वैज्ञानिक स्वप्रिल दुबे ने इल्लियों पर नियंत्रण के लिए किसानों को सलाह दी है।
यह बरतें सावधानियां.....
कीटनाशक व फफूंदनाशक का छिडक़ाव सुबह 6 बजे से 9 बजे तक एवं शाम 4 बजे से 7 बजे तक ठण्डे मौसम में करें।
● टेट्रानिलीप्रोल 18.8 एससी 125 मिली/हैक्टेयर।
● स्पाइनोटोरम 11.7 एससी 450 मिली/हैक्टेयर।
● लूबेंडामाइड 39.35 एससी 100-125 मिली/हैक्टेयर।
● नोवाल्यूरॉन 5.25 प्रतिशत एससी 850 मिली/हैक्टेयर।
● इमामैक्टिन बैंजोएट 5 प्रतिशत लूफीन्यूरॉन 40 प्रतिशत मात्रा 80 ग्राम/हैक्टेयर।
● क्लोरेंट्रानीलीप्रोल 9.5 प्रतिशत लेडासा, लोथ्रिन 4.65 प्रतिशत 200 मिली/हैक्टेयर किसान नियमित छिड़काव करते रहे।।
फसल में बढ़वार एवं दाने के अच्छे भराव के लिए.....
कृषि विज्ञान केंद्र नकतरा के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ स्वप्निल दुबे के मुताबिक
● एनपीके 18:18:18 मात्रा 1 किग्रा प्रति एकड़।
● एनपीके 0:52:34 मात्रा 1 किग्रा प्रति एकड़ घोल बनाकर छिडक़ाव करें।
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