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भोपाल: राजीव गांधी प्रौद्याेगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) के कुलपति प्रो. सुनील कुमार, तत्कालीन रजिस्ट्रार प्रो. आरएस राजपूत सहित 5 के खिलाफ एफआईआर हो चुकी है। मामले की जांच अब एसआईटी करेगी। एसीपी बैरागढ़ के नेतृत्व में मंगलवार को पुलिस ने 6 सदस्यीय एसआईटी गठित कर दी।
इधर, सरकार ने जो जांच कमेटी पहले गठित की थी, उसकी रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है। विश्वविद्यालय के अधिकृत चार्टेड अकाउंटेन्ट (सीए) ने बैंक अधिकारी कुमार मयंक के खाता नंबर-921010023537968 (निजी खाते) को आरबीएल बैंक में विवि का खाता बताया। सीए ने इस संबंध में एक प्रमाण पत्र वर्तमान रजिस्ट्रार डॉ. मोहन सेन को दिया, जबकि बैंक से पता चला कि यह खाता विवि का नहीं हैं। कमेटी ने इस गलत प्रमाणीकरण के संबंध में पूछताछ करने की सिफारिश की है।
रिपोर्ट के अनुसार, जिन आरोपों के आधार पर जांच शुरू की गई थी, वे सही पाए गए। निजी खातों में राशि ट्रांसफर की गई। लेखा शाखा के अफसर-कर्मचारी व वरिष्ठ स्तर जिन्होंने इन ट्रांजेक्शन को अधिकृत व स्वीकृत किया, वे दोषी प्रतीत होते हैं। जांच कमेटी ने विस्तृत जांच की सिफारिश की है।
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