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400 से ज्यादा स्कूल स्टूडेंट का डाटा बेस बनाने में फेल
भोपाल न्यूज़: नया शिक्षा सत्र शुरू हो गया है, लेकिन शासकीय एवं निजी स्कूल सरकार से तय गाइड लाइन का पालन सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं. स्टूडेंट पोर्टल पर सत्यापन के दौरान 400 शासकीय एवं निजी स्कूलों की लापरवाही सामने आई है. हर स्कूल को अपने विद्यार्थी की पूरी जानकारी (डाटा बेस) तैयार कर पोर्टल पर लोड करना था, इसका फायदा प्रवेश प्रक्रिया में अभिभावकों को भी मिलता.
शिक्षा का अधिकार का भी उल्लंघन: कलेक्टर ने सभी स्कूलों को कहा है कि विद्यार्थियों के डाटा बेस के लिए इंट्री नहीं करने वाले स्कूल बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम व संशोधित धाराओं का उल्लंघन कर रहे हैं. उदासीनता से विद्यार्थियों के लाभ की प्रक्रिया में देरी हो रही है. डाटा बेस व जानकारी से छात्रों की समस्याएं स्कूल स्तर पर ही निराकृत हो सकती है.
ये है डाटा बेस की प्रक्रिया और विशेषता: समग्र शिक्षा अभियान और प्रोग्राम ग्रेडिंग इंडेक्स तय करने के लिए प्रत्येक स्कूल में विद्यार्थी की जानकारी जरूरी होती है. इसके आधार पर ही सरकार बच्चों के लिए विभिन्न योजनाएं तैयार करती है. वर्तमान में राज्य जिलों में स्कूलों से जानकारी प्राप्त कर समग्र रिपोर्ट बना देते हैं. इसमें सरकारी, निजी स्कूल व मदरसों की जानकारी होती है. इसमें कुछ मेन्युअल व कुछ ऑनलाइन डाटा होता है. इससे डाटा में अंतर आता है, वांछित जानकारियां भी समय पर नहीं मिल पाती है. इससे सरकारी स्तर पर समग्र शिक्षा अभियान के लिए योजनाएं तैयार करने में भी देरी हो रही है. नए प्रवेश के दौरान पोर्टल पर जानकारी होने से अभिभावकों को भी जानकारी में सरलता होती है और दस्तावेज भी कम लगते हैं.