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मध्य प्रदेश
एमपी चुनाव में केसीआर की पार्टी BRS की एंट्री, राज्य के कई नेता हुए शामिल
Tara Tandi
9 Jun 2023 9:03 AM GMT
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मध्यप्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में नए दल के तौर पर तेलंगाना का सत्ताधारी दल भारतीय राष्ट्र समिति भी हाथ आजमाने की तैयारी में है। बीआरएस में राज्य के कई नेता शामिल हो रहे हैं इनमें से एक हैं व्यापम घोटाले के विसलब्लोअर और सेवा से बर्खास्त चल रहे डॉ आनंद राय। उनका अब तक नाता आदिवासियों के संगठन जय युवा आदिवासी संगठन से था। व्यापम के विसलब्लोअर डॉ राय ने हैदराबाद में तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की मौजूदगी में अपने साथियों के साथ बीआरएस का दामन थाम लिया। राय ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों पर ही आदिवासियों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है और आगामी समय में राज्य में विधानसभा का चुनाव लड़ने की बात कही है। इससे पहले मध्य प्रदेश से नाता रखने वाले पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल अपने कई साथियों के साथ बीआरएस का दामन थाम चुके हैं। कुल मिलाकर बीआरएस राज्य में तीसरी बड़ी ताकत के तौर पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
स्कूलों को धर्मांतरण में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी : शिवराज सिंह चौहान
मध्य प्रदेश के दमोह में छात्राओं की वर्दी से जुड़े विवाद को लेकर गंगा-जमुना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्कूलों को धर्मांतरण में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वर्दी को लेकर ऐसा नियम लागू नहीं किया जाएगा, जो भारतीय संस्कृति के अनुरूप न हो। चौहान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने उस निजी स्कूल पर लगे आरोपों की जांच के आदेश दिये थे, जिसने छात्राओं को वर्दी के रूप में हिजाब जैसा ‘हेड स्कार्फ’ पहनाया। उन्होंने कहा कि राज्य के ऐसे सभी विद्यालयों की जांच की जाएगी। किसी भी संस्था को धर्म परिवर्तन करने या वर्दी संबंधी ऐसा नियम लागू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो भारतीय संस्कृति और परंपरा के अनुसार न हो।
मप्र सरकार कोविड-19 संबंधी नियमों का उल्लंघन करने के 56,000 मामले वापस लेगी
मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान नियमों का उल्लंघन करने को लेकर ‘सामान्य धाराओं’ के तहत दर्ज मामलों को वापस लेने जा रही। प्रदेश के गृह मंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने यह जानकारी दी। लॉकडाउन के दौरान मास्क नहीं पहनने या सार्वजनिक रूप से एकत्र होने जैसी गतिविधियों के लिए लोगों के खिलाफ 56,000 से अधिक मामले दर्ज किए थे। मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकार ने लॉकडाउन अवधि के दौरान कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने के लिए सामान्य धाराओं (गैर-गंभीर अपराधों के लिए लागू) के तहत दर्ज मामलों को वापस लेने का फैसला किया है।
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