मध्य प्रदेश

पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू, महाशिवरात्रि को लेकर निर्देश जारी

Kunti Dhruw
20 Feb 2022 5:12 PM GMT
पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू, महाशिवरात्रि को लेकर निर्देश जारी
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कोरोना का प्रभाव कम होते ही पशुपतिनाथ मंदिर में भी गर्भ गृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू कर दिया गया है.

कोरोना का प्रभाव कम होते ही पशुपतिनाथ मंदिर में भी गर्भ गृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू कर दिया गया है. रविवार को हर हर महादेव के उद्घोष के साथ श्रद्धालुओं ने गर्भ गृह से भगवान पशुपतिनाथ का आशीर्वाद लिया. महाशिवरात्रि पर्व को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस महकमे ने व्यापक इंतजाम करने के निर्देश जारी किए हैं.

मंदसौर कलेक्टर गौतम सिंह शनिवार को पशुपतिनाथ मंदिर का दौरा किया था. इसके बाद रविवार से मंदिर के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश को हरी झंडी दे दी गई. मंदसौर का पशुपतिनाथ मंदिर शिवना नदी के किनारे स्थित है. यहां पर भगवान शिव के अष्ट रूपों के दर्शन होते हैं. विश्व में एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसका विशाल शिवलिंग नदी से प्रकट हुआ था.
पशुपतिनाथ मंदिर को लेकर क्या है पौराणिक कथा?
पशुपतिनाथ मंदिर की अपनी अलग ही कहानी है. मंदिर के पुजारियों के मुताबिक विशाल शिवलिंग शिवना नदी से प्रकट हुआ था. शिवना नदी के किनारे पर उदा नामक धोबी कपड़े धोता था. उसे सपने में भगवान शिव ने दर्शन दिया और कहा कि वह उनके मस्तक पर कपड़े धो रहा है. इस बात की जानकारी उदा ने अपने मित्रों और घाट पर मौजूद अन्य लोगों को दी. इसके बाद उक्त स्थान के आसपास खुदाई की गई तो विशाल प्रतिमा बाहर निकली, जिसे अथक प्रयासों के बाद बाहर निकाला गया. इसके बाद विशाल मंदिर का निर्माण करवाया गया. पशुपतिनाथ का यह मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. मंदसौर कलेक्टर गौतम सिंह यहां पर महाशिवरात्रि के पहले सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा के कड़े प्रबंध और श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर पर्याप्त इंतजाम किए जाने के निर्देश जारी किए हैं.
शिव भक्तों में खुशी की लहर
पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करने मात्र से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. यहां पर मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि राजस्थान से श्रद्धालु आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं. गर्भगृह में प्रवेश शुरू होते ही श्रद्धालुओं ने काफी खुशी जाहिर की. मंदिर में दर्शन करने पहुंची प्रतिभा सिंह ने बताया कि कोरोना की वजह से 24 माह में से केवल 2 माह गर्भ ग्रह में प्रवेश दिया गया है. शेष 22 माह बाहर से ही दर्शन रखे गए थे. महाशिवरात्रि के पहले प्रतिबंध हटने से काफी खुशी मिली है.
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