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अन्ना नगर में सड़क पर अतिक्रमण, निकलना तक हुआ मुश्किल
भोपाल न्यूज़: बीएचईएल की जमीन पर अतिक्रमण कर झोपड़ी, मकानों के साथ ही दुकानें बनाकर लोग खुद उसका संचालन करने के साथ ही किराए पर देकर भी लाभ कमा रहे हैं. भेल की जमीन पर बसे अन्ना नगर, विकास नगर, चांदमारी, एकता नगर, पद्माभनगर, विश्वकर्मा नगर आदि जगहों पर अवैध तौर पर कब्जा कर झोपड़ी, मकान और दुकानें बना ली गई हैं. यहां खुद रहने के साथ ही लोग मकान और दुकानों को किराए पर देकर दुकानदारों से मोटी रकम वसूल रहे हैं.
भेल दशहरा मैदान से लगे अन्ना नगर में अतिक्रमण की हद पार करते हुए रहवासियों ने सड़क किनारे तक दुकान और मकान बना लिए हैं. यह सड़क एमपी नगर से बीएचईएल कारखाने के साथ ही अवधपुरी, सोनागिरी, इंद्रपुरी, मिनाल रेसीडेंसी, विजय मार्केट, बरखेड़ा पठानी की ओर जाने वाले रास्तों को जोड़ती है. ऐसे में यहां से दिन-रात हजारों की संख्या में वाहनों की आवाजाही होती है. बड़ी संख्या में भेल कर्मचारियों के साथ ही वीआईपी भी इसी रास्ते से आवाजाही करते हैं. ऐसे में सड़क किनारे तक दुकानें बनी होने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इसके बावजूद इस ओर नगर निगम प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. भेल नगर प्रशासन विभाग का अतिक्रमण अमला भी इन्हें हटाने की कार्रवाई कर रहा है. ऐसे में इन अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं और खाली पड़ी जमीन पर अतिक्रमण होते जा रहे हैं.
भेल की जमीन पर अवैध तौर पर कब्जा कर बनाए गए मकानों और दुकानों में मुफ्त की बिजली-पानी का उपयोग किया जा रहा है. मजे की बात यह है कि जहां आमजन को हर महीने बिजली-पानी का बिल जमा करने के बाद भी आए दिन बिजली कटौती और पानी नहीं आने की समस्या से जूझना पड़ता हैं वहीं इन अतिक्रमणकारियों को बिजली पानी का दोहरा लाभ मिल रहा है. अन्ना नगर, विकास नगर आदि जगहों पर बीएचईएल द्वारा बिजली,पानी की सप्लाई की जाती है तो वहीं दूसरी ओर नगर निगम द्वारा भी यह सुविधा मुहैया कराई जा रही है. ऐसे में कभी भेल का अमला बिजली पानी की कटौती करने पहुंचता है तो जनप्रतिनिधि बचाने आ जाते हैं.
एक वाहन ही निकल पाता: एमपी नगर से भेल की ओर जाने वाली इस सड़क किनारे बनाई गई दुकानों को नहीं हटाया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. 80 फीट चौड़ी इस सड़क पर एक ओर दुकानें खोल ली गई हैं तो दूसरी ओर कबाड़ियों ने अपना कबाड़ का सामान जमा कर रखा है. इससे दोनों ओर की सड़कों पर यदि लाल बस निकल रही है तो दो पहिया वाहन को भी निकालना मुश्किल होता है.