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जहांगीराबाद जेलबाग में बिजली उपभोक्ताओं पर था 9 लाख रुपए बकाया
भोपाल न्यूज़: बिजली बिल से लेकर संपत्तिकर व अन्य करों की बकाया वसूली के लिए निगम प्रशासन बकायदार के बैंक खातों को सीज करने पत्र लिख रहे हैं, लेकिन इन पत्रों से बकायादार के खातों को बैंक फ्रीज नहीं करेगी. इसके लिए वैधानिक संस्थाओं जैसे कलेक्टर, कोर्ट, क्राइम ब्रांच की ओर से कारण के साथ आदेश दिया जाता है तभी खाता फ्री हो सकता है. ऐसे में निगम प्रशासन या बिजली कंपनी के अफसरों के सीधे पत्रों पर बकायदार के बैंक खातों पर असर नहीं होगा. नगर पालिक निगम से लेकर बिजली अधिनियम में चल- अचल संपत्ति कुर्क व नीलामी के अधिकार है. बैंक खातों को फ्रीज करके वसूली के नियम नहीं है. बैंकिंग सेक्टर से जुड़े सुनील सिंह का कहना है कि न्यायिक संस्थाओं के आदेश, कलेक्टर व इससे जुड़ी अथॉरिटी किसी को डिफॉल्टर घोषित कर बैंक खाता फ्रीज करने का कहती है तो बैंक ऐसा कर सकती है. इसके अलावा इंकम टैक्स, क्राइम ब्रांच के आदेश- निर्देश पर खातों पर कार्रवाई होती है. किसी संस्था खुद का बकाया वसूली करने के लिए बकायदार का बैंक खाता अपने स्तर पर सीज नहीं करवा सकती. इसके लिए उसे बैंक की बजाय जिला प्रशासन या फिर कोर्ट से आदेश जारी कराना होगा. निगमायुक्त केवीएस चौधरी ने बैंकों को पत्र लिखा है. राजस्व भू पुस्तिका में राशि दर्ज हो सकती है, लेकिन खातों को सीज करने में प्रक्रिया आसान नहीं है.
बिजली कंपनी की टीम ने जहांगीराबाद जेलबाग क्षेत्र के 200 केवीए का ट्रांसफार्मर फिर से लगा दिया. यहां करीब नौ लाख रुपए बकाया था, जिसमें से 30 फीसदी राशि जमा कर दी गई. जेलबाग में बिजली कंपनी की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची. ट्रांसफार्मर लगाने के बाद बकायादारों के कनेक्शन काटे और मीटर निकाल लिए, ताकि बिजली न जोड़ सकें. जिन्होंने बिल जमा कर दिया उनके यहां बिजली आपूर्ति चालू कर दी गई. हालांकि इससे पहले मजदूर नगर, नवाब कॉलोनी में ट्रांसफार्मर निकाला था, लेकिन यहां पर अब तक बिजली आपूर्ति शुरू नहीं की है. सात दिन से क्षेत्र में अंधेरा है.