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साइलो में रखा आठ हजार मीट्रिक टन गेहूं पीडीएस में बांटने लायक नहीं, होगा नीलाम
इंदौर न्यूज़: समर्थन मूल्य पर खरीदी कर गेहूं का रखरखाव सही तरीके से न करने पर हजारों टन गेहूं खराब होता है और फिर कम दामों में नीलाम कर दिया जाता है. इसी तरह बारधा के पास वर्ष 2020 में बनाए गए साइलो केन्द्र में रखा हजारों टन गेहूं भी अब नीलाम करने की तैयारी की जा रही है. भोपाल और सागर से नान, एफसीआइ के अधिकारियों द्वारा इसका निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की गई है.
बारधा में बनाए गए साइलो केन्द्र पर अभी भी आठ हजार मीट्रिक टन गेहूं रखा हुआ है, जिसमें कंकड़ मिले हुए है और बारिश के कारण भी खराब हो गया है, जो अब पीडीएस में नहीं भेजा जाए. इस गेहूं की नीलामी की जाएगी, जिसे ओने-पौने दामों में लोग खरीदेंगे. यह गेहूं वर्ष 2020 में 1925 रुपए क्विंटल में खरीदा गया था. खरीदी के समय साइलो कंपनी की मशीनों में खराबी आने से तौल के बाद जमीन पर गेहूं डाल दिया था, जो बाद में कंकड़, धूल सहित साइलो बैग में भर दिया गया. साथ ही बैगों की क्वालिटी ठीक न होने से कई बैग फट जाने के कारण अंदर बारिश का पानी पहुंचने से गेहूं सड़ गया है. साइलो कंपनी द्वारा शुरू से ही लापरवाही बरती गई है और अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया.
क्रशर की उड़ रही धूल
जिस जगह साइलो केन्द्र बना है, वहां पिछले वर्ष से क्रशर संचालित हो रहा, जिसकी धूल से वहां रखे गेहूं की गुणवत्ता दिनोंदिन खराब होती जा रही है. सभी साइलो बैगों पर धूल जमी हुई है, जिससे उसे बोरियों में भी नहीं भरा जा सकता है.
कराई जाएगी नीलामी
साइलो केन्द्र का निरीक्षण किया गया था और गेहूं पीडीएस में भेजने लायक नहीं बचा है, जिसकी रिपोर्ट बनाकर हेड ऑफिस भेजी जा रही है. गेहूं को नीलाम किया जाएगा. नीलामी दर हेड ऑफिस से तय होगी.
राजेश शिवा, जिला प्रबंधक, नान
एफसीआइ ने गेहूं लेने से किया इंकार
गेहूं में कंकड़ होने के कारण एफसीआइ ने पहले ही गेहूं लेने से इंकार कर दिया था और निरीक्षण दल में आए अधिकारियों ने फिर रिपोर्ट बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी है, जिसमें गुणवत्ता सही न होने का उल्लेख है.
1051 रुपए क्विंटल हुआ था गेहूं नीलाम
वर्ष 2020 में करमपुर में बनाए गए ओपन कैंप में गेहूं बारिश से खराब हुआ था, जिसे खाद कंपनी को नीलाम किया था और यह गेहूं 1051 रुपए क्विंटल में बिका था, जबकि खरीदी 1925 रुपए क्विंटल में की गई थी.