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भोपाल न्यूज़: हाई कोर्ट के जस्टिस रोहित आर्या ने कहा है कि सभी विभाग प्रमुखों को आमजन को सहज तरीके से न्याय उपलब्ध कराने ई-कोर्ट संबंधी सभी पेंडिंग कार्यों को तत्परता से पूरा करें. प्रशासन अकादमी में ई-कोर्ट कमेटी के कार्यों की समीक्षा के दौरान उन्होंने यह निर्देश दिए. इस मौके पर उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार फसाहत काजी, गृह विभाग सहित अन्य विभागों के आला अफसर मौजूद रहे.
इंटेरोपेरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आइसीजेएस) की समीक्षा में गृह विभाग के एसीएस डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि बेहतर इन्वेस्टीगेशन के लिए पुलिस विभाग में अधीनस्थ अधिकारियों को एक हजार टैबलेट दिए गए हैं. 26 हजार और प्रदान करने की कार्यवाही चल रही है. एडीजी एससीआरबी चंचल शेखर ने आइसीजेएस सिस्टम को प्रभावी बनाने प्रदेश में किए जा रहे उपायों की जानकारी दी.
हर महीने एक हजार नमूनों की करो जांच: एसीएस डॉ. राजौरा ने बताया कि ग्वालियर सहित 4 लैब कार्य कर रही है. रीवा, रतलाम में भी लैब के लिए मंजूरी मिल गई है. वर्तमान में प्रति माह 600 नमूनों की जांच की जा रही है. पहले 250 की ही जांच हो पा रही थी. जस्टिस आर्या ने इसे बढ़ाकर 1000 प्रतिमाह तक करने के निर्देश दिए. ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने सभी पंचायतों में ई-सेवा केन्द्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए. संचालक पंचायत राज अमरपाल सिंह ने बताया कि 3,600 पंचायतों में ई-सेवा केंद्र शुरू हो चुके हैं. अगले 6 माह में शेष पंचायतों में भी ई-सेवा केन्द्र शुरू कर दिए जाएंगे. जस्टिस आर्या ने बताया कि हाई कोर्ट और दोनों खंडपीठ में 22 करोड़ और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में 60 करोड़ पेज डिजिटाइज किए गए हैं. इस मौके पर डीजी जेल अरविंद कुमार, डीजी प्रॉसिक्यूशन अन्वेष मंगलम मौजूद थे.
ई-सर्टिफिकेटकॉपी की प्रशंसा: जस्टिस आर्या ने कहा है कि मप्र की ई-कोर्ट कमेटी अच्छा कार्य कर रही है. प्रोजेक्ट ई-सर्टिफिकेट कॉपी की प्रशंसा देश में हो रही है. इन्टीग्रेटेड वीडियो सर्विलांस सिस्टम की भी तारीफ की जा रही है. जस्टिस आर्या ने समय-समय पर ऑडिट करने, डाटा अपडेट करने के निर्देश दिए. आइसीजेएस सिस्टम को पुख्ता बनाने को भी कहा.