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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस हर वो प्रयास कर रही है जो उसे सत्ता में वापस ला सके। कांग्रेस दूसरे दलों के प्रभावी नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करवा रही है, हिंदुत्व से जुड़े मुद्दों पर संभल कर आगे बढ़ रही है और आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्गों से जुड़े मुद्दों को भी तत्परता से उठा रही है। कांग्रेस में इस समय ऐसे लोग भी शामिल किये जा रहे हैं जो किसी क्षेत्र या समाज के वर्ग पर कुछ प्रभाव रखते हैं। खास बात यह है कि ऐसे लोगों को पार्टी में शामिल करते समय कांग्रेस उनका इतिहास नहीं देख रही है। बुधवार को जब कांग्रेस ने पूर्व डकैत मलखान सिंह को पार्टी में शामिल किया तो कई सवाल उठे। ऐसा इसलिए क्योंकि इस साल नवंबर-दिसंबर में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व डकैत मलखान सिंह ने कहा है कि पार्टी जहां-जहां हमें प्रचार की जिम्मेदारी देगी वहां जनता को कांग्रेस को जिताना ही पड़ेगा।
हम आपको याद दिला दें कि मलखान सिंह 1982 में आत्मसमर्पण करने से पहले दो दशकों तक मध्य प्रदेश के चंबल क्षेत्र में एक खूंखार डकैत के रूप में जाने जाते थे। कांग्रेस में शामिल होते समय अपनी लंबी मूंछों पर ताव देते हुए मलखान सिंह ने पत्रकारों से कहा कि वह हमेशा अन्याय के खिलाफ लड़े। उन्होंने सत्तारुढ़ भाजपा के शासन पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा नेताओं ने लोगों में आतंक पैदा किया है। कांग्रेस में शामिल होने के बाद मलखान सिंह ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में वह ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से भाजपा को उखाड़ फेकेंगे।
दूसरी ओर, इस अवसर पर कमलनाथ ने सत्तारुढ़ भाजपा पर अपने दो दशक लंबे शासन के दौरान लोगों के बीच भय और आतंक पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोगों ने भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर करने का मन बना लिया है।
जहां तक मलखान सिंह की बात है तो आपको बता दें कि उसके बारे में यह भी जानकारी मिलती है कि वह पहला ऐसा डकैत था जिसके पास ऑटोमैटिक अमेरिकन राइफल थी। डकैती छोड़ने के बाद उसका मन राजनीति में लगा। इसके लिए वह पहले कांग्रेस के करीब आया, उसके बाद समाजवादी पार्टी में गया। 2019 में उसने भाजपा से लोकसभा चुनाव के लिए टिकट मांगा, भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो वह कांग्रेस से नजदीकियां बढ़ाने लगा। हाल ही में जब प्रियंका गांधी ग्वालियर आई थीं तो कांग्रेस की रैली में शामिल होकर उसने स्पष्ट संकेत दे दिया था कि वह पार्टी में शामिल होगा। अब जब वह कांग्रेस में शामिल हो चुका है तो माना जा रहा है कि शिवपुरी, भिंड, दतिया और बुंदेलखंड क्षेत्र की लगभग 40 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को लाभ हो सकता है।