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ऐसे करें आसानी से दर्शन, रात 12 बजे तक के लिए खुले नागचंद्रेश्वर के पट

न्यूज़क्रेडिट; अमरउजाला
उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के शिखर पर बने नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट सोमवार रात 12 बजे से श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खुल गया है। मंगलवार रात 12 बजे तक श्रद्धालु मंदिर में नागचंद्रेश्वर महादेव के दर्शन कर सकेंगे। सोमवार को महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत संत विनीत गिरी महाराज ने भगवान नागचंद्रेश्वर का पूजन अर्चन किया और मंदिर को श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोला। नागपंचमी के अवसर पर हर साल बड़ी संख्या में भक्त बाबा महाकाल और नागचंद्रेवर महादेव के दर्शन करने पहुंचते हैं। मंदिर आने वाले दर्शनार्थियों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो इसके लिए इस साल मंदिर प्रबंधन ने खास इंतजाम किए हैं। अगर आप भी आज नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन करने जा रहे हैं तो जानिए कैसे कर सकते हैं सुलभ दर्शन।
चार लाइनों में लगकर मिल सकते है प्रवेश
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष व कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि चारधाम से श्रद्धालुओं के लिए चार लाइन लगाई गई हैं। चार स्थानों पर होल्डअप एरिया बनाया गया है। लोग दर्शन करने के बाद विश्राम धाम से होकर मार्बल गलियारे से मुख्य पालकी गेट से बाहर आएंगे। वहीं, सामान्य श्रद्धालु- भील समाज की धर्मशाला में वाहन पार्क कर दातार अखाड़ा की गली से चारधाम मंदिर के जिकजैक से होकर हरसिद्धी मंदिर चौराहा से बड़ा गणेश मंदिर के सामने, चार नंबर गेट से विश्राम धाम पहुंचेंगे। यहां से होते हुए नए पुल से नागचंद्रेश्वर मंदिर जाएंगे। दर्शन के बाद वापस विश्राम धाम से होकर मार्बल गलियारे से मंदिर के मुख्य पालकी गेट से बाहर होंगे।
टिकट लेकर ऐसे कर सकते हैं प्रवेश
शीघ्र दर्शन टिकट लेने वाले दर्शनार्थी चारधाम मंदिर की ओर से आकर हरसिद्धि मंदिर चौराहे से शामिल होकर दूसरी कतार से सामान्य दर्शनार्थी के साथ ही महाकाल मंदिर तक पहुंचेगे। वापसी में मुख्य गेट से बाहर होकर वापस हरसिद्धी चौराहे तक पहुंच सकेंगे। वहीं, वीवीआईपी दर्शनार्थियों के लिए निर्माल्य गेट से प्रवेश कराने के बाद सभा मंडप के ऊपर से होकर रैंप से विश्राम धाम पहुंचकर नए पुल से दर्शन करने की व्यवस्था बनाई गई है। वापसी नए पुल से विश्राम धाम होकर सभामंडप के ऊपर से रैंप में होगी। महाकाल दर्शन के लिए चारधाम के जिकजैक से होकर रुद्रसागर के पास से निर्गम मार्ग से मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। दर्शन के बाद शहनाई गेट से वापसी होगी। मंदिर जाते समय प्रसाद न ले जाएं, जल, दूध विश्राम धाम में चढ़ाने की व्यवस्था की गई है।
