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एनईपी लागू करने में दिक्कतें, अब एक जैसा कोर्स किया जाएगा डिजाइन
भोपाल: प्रदेश में सेमेस्टर और वार्षिक पद्धति से यूजी करने वाले छात्र एक- दूसरे के कोर्स में आसानी से एडमिशन ले सकेंगे। दरअसल, उच्च शिक्षा विभाग नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 को लागू करने में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए अध्यादेश 14ए और 14 बी के स्थान पर नया अध्यादेश तैयार करेगा। चार सदस्यों की समिति भी गठित कर दी गई है।
अध्यादेश 14-ए में यूनिवर्सिटी और ऑटोनॉमस संस्थानों जो सेमेस्टर प्रणाली से संचालित होते हैं, उसके लिए प्रावधान है। यह यूजीसी के लर्निंग आउटकम बेस्ड कुरिकुलम फ्रेमवर्क पर आधारित होता है। जबकि अध्यादेश 14बी वार्षिक परीक्षा पैटर्न के आधार पर संचालित हाेने वाले संस्थानों पर लागू होता है।
अभी एडिमिशन लेने पर पूरा कोर्स ही बदल जाता है
समिति के सदस्यों ने बताया वर्तमान में अगर कोई छात्र वार्षिक परीक्षा के पैटर्न के आधार पर यूजी करता है और अगर वे सेमेस्टर पद्धति वाले संस्थान में एडमिशन लेना चाहता है तो उसे कई तरह की व्यवहारिक समस्याएं होती हैं। ज्यादातर मामलों में वह एडमिशन नहीं ले पाता है, क्योंकि उसका पूरा कोर्स ही बदल जाता है।
वार्षिक और सेमेस्टर में एकरूपता रहेगी: समिति में शामिल सदस्यों के मुताबिक अब जो अध्यादेश तैयार होगा उसमें वार्षिक और सेमेस्टर पैटर्न से होने वाली परीक्षाओं में एकरूपता रहेगी। बोर्ड ऑफ स्टडीज से भी इस तरह से सिलेबस तैयार किया जाएगा कि इनमें अंतर न हो।
इंटर्नशिप एक साल की हो सकती है: कॉलेजों में एनईपी के तहत इंटर्नशिप छात्र को हर साल करनी होती है। लेकिन, ऑटोनॉमस में केवल थर्ड ईयर में करने का प्रावधान है। समिति के सदस्यों के मुताबिक इसे तीसरे साल के लिए लागू करने का प्रस्ताव रखा जा रहा है।