मध्य प्रदेश

इंटरनेशनल इंग्लिश ओलम्पियाड में ध्रुव ने पहला स्थान किया हासिल

Bharti sahu
15 May 2022 8:25 AM GMT
इंटरनेशनल इंग्लिश ओलम्पियाड में ध्रुव ने पहला स्थान किया हासिल
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शहर के 12 साल के बालक ध्रुव धाकड़ ने बड़ी उपलब्धि अर्जित की है। इंटरनेशनल इंग्लिश ओलम्पियाड में ध्रुव ने पहला स्थान हासिल किया है।

शहर के 12 साल के बालक ध्रुव धाकड़ ने बड़ी उपलब्धि अर्जित की है। इंटरनेशनल इंग्लिश ओलम्पियाड में ध्रुव ने पहला स्थान हासिल किया है। इस प्रतियोगिता में दुनियाभर के प्रतिभागी शामिल हुए थे। इन सबको पीछे छोड़कर ध्रुव ने वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर वन स्थान पाया है।

जानकारी के मुताबिक ध्रुव धाकड़ इंदौर के शिशुकंज इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा आठवीं में पढ़ता है। ध्रुव ने बताया कि इस प्रतियोगिता के बारे में स्कूल से जानकारी मिली थी। स्कूल टीचर के कहने पर उसने इस ओलम्पियाड में हिस्सा लिया था। इसके बाद वह खुद ही तैयारी करने लगा। इसमें उसकी पिता हिमांशु और स्कूल टीचर ने भी मदद की। समय-समय पर उसके सवालों के जवाब क्लियर किए। इसके लिए रजिस्ट्रेशन स्कूल के माध्यम से कराए जाते हैं, लेकिन एसओएफ (साइंस ओलम्पियाड फाउंडेशन) की वेबसाइट पर प्रायवेट रजिस्ट्रेशन भी कराया जा सकता है। पेपर में दो सेक्शन और 50 सवाल होते हैं। ये ऑब्जेक्टिव टाइप सवाल होते हैं। पहले सेक्शन में 1 अंक के 45 सवाल होते हैं और दूसरे में 3 अंक के 5 सवाल होते हैं। इस तरह 50 सवालों का यह पेपर 60 मिनट में हल करना होता है।
लिख चुके हैं दो किताबें
ध्रुव ने बताया कि वे किताबें भी लिखते हैं। अब तक दो किताबें लिख चुके हैं। उनकी दूसरी किताब 'कैस्पियन दैट फ्लायस' प्रकाशित हो चुकी है। ध्रुव के पिता हिमांशु धाकड़ ने बताया कि बेटे को पढ़ने का बड़ा शौक है। वह एक बार जो पढ़ लेता है उसे याद रखता है, भूलता नहीं। वह इस मामले में बचपन से ही प्रतिभावान है। ध्रुव साइंस फिक्शन पर भी किताब लिख चुके हैं। यह किताब उन्होंने महज छह महीने में लिख दी थी। इसका शीर्षक है 'जर्नी थ्रू माय ड्रीम्स'। इसमें उन्होंने अपनी कल्पनाओं की दुनिया रची है। उनकी इस किताब में जादुई जंगल, चमकीले पत्थर और सुपर पॉवर वाले इंसान हैं। लॉकडाउन के दौरान सिर्फ छह महीने में यह किताब लिखी थी। इसके लिए टाटा ग्रुप का यंग अचीवर्स अवॉर्ड भी मिल चुका है। इस अवॉर्ड के लिए देशभर से सात नाम चुने गए थे। इनमें एक नाम इंदौर के ध्रुव का है। पिता हिमांशु ने बताया कि ध्रुव दूसरी कक्षा तक मुम्बई में पढ़ा है। फिर उनका परिवार इंदौर शिफ्ट हो गया। किताबें पढ़ने में, कुछ नया रचने में ध्रुव की रुचि हमेशा से रही। माता-पिता और शिक्षकों के प्रोत्साहन से उन्होंने लिखना शुरू किया। ध्रुव को रूबिक क्यूब पजल सॉल्व करने का भी शौक है। वे मिनटों में इसे हल कर देते हैं। हमने ध्रुव को आज तक कोचिंग-ट्यूशन नहीं कराई है। वह घर पर ही पढ़ता है। इससे पहले भी ध्रुव ओलम्पियाड देता रहा है और इंटरनेशनल रैंकिंग लाता रहा है, पर इस बार बेटा अव्वल आया। उसे बचपन से ही पढ़ने का शौक है। हमने उस पर न किसी तरह का जोर दिया और ना ही उसे मजबूर किया। अलग-अलग विषयों के ओलम्पियाड होते हैं। जैसे साइंस, मैथ्स, केमिस्ट्री ओलम्पियाड। इनमें कुछ सवाल होते हैं जिनका जवाब तय समय पर देना होता है।


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