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मध्य प्रदेश
सावन के 19 दिन में तीन करोड़ का प्रसाद ले गए भक्त, अब मशीन लगाने की तैयारी
SANTOSI TANDI
30 July 2023 8:08 AM GMT
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अब मशीन लगाने की तैयारी
महाकाल लोक बनने के बाद से ही महाकाल आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसका असर यहां के लड्डू प्रसादी की बिक्री पर दिख रहा है। सावन के पिछले 19 दिन में ही लड्डू प्रसादी की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। तीन करोड़ रुपए से अधिक के लड्डू बिक चुके हैं। वहीं कुल 9,200 किलो लड्डू श्रद्धालु अपने साथ ले गए।
बीते सात महीने की बात करें, तो 27 करोड़ 82 लाख रुपए से अधिक का 7 लाख 73 हजार किलो लड्डू प्रसादी महाकाल मंदिर समिति से भक्तों ने खरीदा है। महाकाल लोक बनने के बाद महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने आने वाले भक्तों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है। इस बार श्रावण माह अधिक मास होने में होने के कारण दो माह का रहेगा। आगामी दिनों में भी बड़ी संख्या में भक्तों के आने की उम्मीद है।
श्रावण माह में अब तक 40 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके
4 जुलाई से शुरू हुए श्रावण माह से लेकर 24 जुलाई तक 21 दिन में महाकाल मंदिर में 40 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। यह आंकड़ा मंदिर में लगी हेड काउंटिंग मशीन में दर्ज हुआ है। सोमवार 24 जुलाई को ही सुबह भस्म आरती से लेकर शयन आरती तक 3 लाख 35 हजार श्रद्धालुओं ने एक दिन में दर्शन किए।
महाकाल मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी से जानिए लड्डू प्रसादी की खासियत...
11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी ने 856 करोड़ रुपए से बनने वाले महाकाल लोक के पहले चरण का लोकार्पण किया था। इसके बाद से ही बड़ी संख्या में देश भर से भक्त भगवान महाकाल के मंदिर में पहुंच रहे हैं। यहां आने वाला प्रत्येक श्रद्धालु अपने साथ थोड़ी बहुत मात्रा में लड्डू प्रसाद जरूर ले जाता है। यहां के लड्डू को भारत सरकार की संस्था फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने हाइजीन के लिए फाइव स्टार रेटिंग दी है। दरअसल, महाकाल मंदिर में मिलने वाले लड्डुओं को बनाते समय शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है। 1 जनवरी 2023 से 20 जुलाई 2023 के बीच प्रतिदिन औसत साढ़े 6 क्विंटल लड्डू प्रसादी की बिक्री महाकाल मंदिर ने की है। अब तक मंदिर समिति 27 करोड़ 82 लाख रुपए का लड्डू प्रसादी बेच चुकी है। एक जुलाई से 19 जुलाई के बीच 9,200 किलो लड्डू की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। करीब 46 क्विंटल लड्डू प्रतिदिन बिका है। 19 दिन में महाकाल मंदिर समिति की लड्डू प्रसादी से 3 करोड़ 70 लाख रुपए की आय हुई है।
प्रतिदिन बनते हैं 50 से 60 क्विंटल लड्डू
महाकालेश्वर मंदिर में शुद्ध घी और बेसन से बने लड्डू प्रसाद की बिक्री की जाती है। यहां प्रतिदिन 50 से 60 क्विंटल लड्डू बनता है। किसी भी पर्व से एक दिन पहले बनाकर रख लिया जाता है। यह लड्डू प्रसाद 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और एक किलो के पैकेट में उपलब्ध रहता है। एक माह पहले महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की हुई बैठक में लड्डू प्रसादी के रेट बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद लड्डू प्रसाद 360 रुपए की बजाय 400 रुपए किलो मिलने लगा। लड्डू प्रसाद के दाम में 40 रुपए किलो की बढ़ोतरी कर दी गई।
मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि मंदिर समिति लड्डू प्रसाद का विक्रय बिना लाभ-हानि के किया जाता है। वर्तमान में लड्डू प्रसाद बनाने में समिति को 400 रुपए 80 पैसे प्रति किलो का खर्च आ रहा है। भाव बढ़ने के बाद प्रसाद के पैकेट के भाव 100 ग्राम 50 रुपए, 200 ग्राम 100 रुपए, 500 ग्राम 200 रुपए और एक किलो प्रसाद की कीमत 400 रुपए हो गई है।
किसी भी पर्व से एक दिन पहले बनाकर रख लिया जाता है।
किसी भी पर्व से एक दिन पहले बनाकर रख लिया जाता है।
16 साल से लड्डू प्रसादी तैयार कर रहे राजू हलवाई
16 साल से लड्डू प्रसादी तैयार करने वाले राजू हलवाई बताते हैं, लड्डू बनाने से पहले एक बार में 20 किलो बेसन, 5 किलो रवा को 20 किलो देसी घी में मिलाकर भट्टी की तेज आंच पर सेका जाता है। डेढ़ से दो घंटे तक यह प्रक्रिया चलती है। सिकाई के दौरान इस मिश्रण को कड़छे से लगातार मिलाया जाता है। इसके बाद बेसन को बड़ी सी ट्रे में रखकर ठंडा किया जाता है। इसमें 24 घंटे का समय लगता है। ठंडा होने पर इसमें पिसी हुई शकर, इलायची व ड्रायफ्रूट मिलाया जाता है। हाथों से इसे अच्छी तरह से मिलाने के बाद लड्डू का मिश्रण तैयार हो जाता है।
लड्डू के लिए लगा रहे ऑटोमैटिक मशीन
मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि महाकाल मंदिर के लड्डू प्रसादी की डिमांड जिस तरह से बढ़ती जा रही है, उसे देखते हुए मंदिर समिति जल्द ही लड्डू बनाने के लिए एक ऑटोमैटिक मशीन का प्लांट लगाया जाएगा। इसके लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस मशीन से रोजाना 500 से 700 क्विंटल लड्डू बनाया जा सकेगा। फिलहाल, मंदिर समिति का चिंतामन मंदिर के पास बड़ा प्लांट है, जिसमें करीब 100 कर्मचारी काम करते हैं। यहां यहां रोजाना 50 से 60 क्विंटल ही लड्डू बन पाता है।
'भोग सर्टिफिकेट' भी मिल चुका है
खाद्य विभाग के अफसरों के मुताबिक ‘भोग सर्टिफिकेट' (ब्लिसफुल हाइजीनिक ऑफरिंग टू गॉड) मिल चुका है। इस वजह से हाइजीन रेटिंग कराने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई, क्योंकि हम हाइजीन के मानकों का पालन पहले से ही कर रहे थे। 5 स्टार हाइजीन रेटिंग मिलने के बाद महाकाल मंदिर समिति के तत्कालीन अध्यक्ष और कलेक्टर आशीष सिंह उज्जैन के रेलवे स्टेशन, इंदौर एयरपोर्ट समेत अन्य स्थानों पर आउटलेट खोलने की तैयारी में थे, लेकिन दो साल बाद भी ऐसा नहीं हो सका है।
SANTOSI TANDI
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