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भेल व्यापारी महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने नगर प्रशासन से की मुलाकात
भोपाल न्यूज़: भेल टाउनशिप के दुकानदार बीते 10 वर्षों से दुकानों का अनाप-शनाप किराया वृद्धि किए जाने और जटिल नई पॉलिशी थोपे जाने का विरोध कर रहे हैं. अपनी समस्याओं को लेकर भेल व्यापारी महासंघ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल बीते दिनों भेल नगर प्रशासन से मुलाकत कर अपनी दुकानों का मालिकाना हक दिए जाने की मांग की. पर भेल प्रबंधन नई पॉलिशी के अनुसार दुकानदारों से किराया लेना चाहता है.
ऐसे में वर्ष 2014 के बाद से भेल नगर प्रशासन दुकानदारों से न किराया ले रहा है न ही इनके मामले को सुलझा रहा है. प्रतिनिधि मंडल ने राजधानी के सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ वाले बाजार न्यू मार्केट के दुकानदारों से लिया जा रहा किराया देने का प्रस्ताव दिया. साथ ही कहा भेल व्यापारी महासंघ और भेल नगर प्रशासन के मध्य अनुबंध की बाकी सर्तें पूर्ववत ही रखी जाएं. नई पॉलिसी नए दुकानदारों पर लागू हो. पूर्व अध्यक्ष रामबाबू शर्मा ने कहा वर्ष 1960 से जिन दुकानदारों ने दो से तीन पीढ़ियां खपा दीं, उन पर नई पॉलिशी और नए नियम न थोपे जाएं.
बता दें भेल टाउनशिप में विभिन्न क्षेत्रों में 1420 दुकानें हैं. इन दुकानों का आवंटन भेल नगर प्रशासन अपने कर्मचारियाें को सेवा और सुविधा देने के लिए किया था. तब जमीन सहित दुकानों के निर्माण के लिए भेल नगर प्रशासन ने दुकानदारों से 3200 रुपए की राशि जमा कराई थी. इसके बाद भी आज तक मालिकाना हक मिलना तो दूर, दुकानदारों को दुकानों की मरम्मत आदि कराने के लिए भी अनुमति लेनी पड़ती है. बिना अनुमति के निर्माण कार्य या मरम्मत कराए जाने पर संबंधित दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई तक की जाती है. प्रतिनिधि मंडल में भेल व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष हरीश खंडेलवाल, पूर्व अध्यक्ष रामबाबू शर्मा, महामंत्री मदन बालानी, गोपाल अग्रवाल, राधेश्याम गर्ग, संतोष भदौरिया आदि शामिल रहे.
भेल टाउनशिप में 1420 में से करीब 1375 दुकानदार दुकानें संचालित कर रहे हैं. भेल मैनेजमेंट को दुकानदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए इसमें देरी नहीं करनी चाहिए. जो प्रस्ताव व्यापारी महासंघ ने दिया है, वह अति व्यवहारिक है. ऐसे में तत्काल प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए नए अनुबंध करना चाहिए.
रामबाबू शर्मा, पूर्व अध्यक्ष, भेल व्यापारी महासंघ
हम लोग यहां भेल की स्थापना से पहले से हैं. उस समय हम लोगों से 3200 रुपए जमा कराए गए थे दुकान की जमीन और निर्माण केलिए. पैसे लेने के बाद भी हम लोगों को आज तक मालिकाना हक नहीं दिया गया.
मदन बालानी, महासचिवभेल व्यापारी महासंघ