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शिकार न कर पाने के चलते लिया गया निर्णय, बाघिन सुंदरी को वन विहार में किया जाएगा शिफ्ट
राजधानी भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जल्द ही बाघिन 'सुंदरी' को शिफ्ट किया जाएगा। जहां अब वह बाकी की जिंदगी ताउम्र कैद में गुजारेगी। 2021 से वह कान्हा टाइगर रिजर्व के घोरेला स्थित बाड़े में रह रही थी।
राजधानी भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जल्द ही बाघिन 'सुंदरी' को शिफ्ट किया जाएगा। जहां अब वह बाकी की जिंदगी ताउम्र कैद में गुजारेगी। 2021 से वह कान्हा टाइगर रिजर्व के घोरेला स्थित बाड़े में रह रही थी। सुंदरी के शिकार करने में परिपक्व न होने के चलते उसे वन विहार में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। वहीं, जिस बाड़े में सुंदरी को रखा गया है, उसके वन विहार शिफ्ट करने के बाद वहां 17 मई को सिवनी में मिले दो शावकों को रखा जाएगा है। बीते दिनों ये दोनों शावक सिवनी जिले के ग्राम बेलगांव में तालाब किनारे भूखे-प्यासे बुरी हालत में मिले थे। पार्क प्रबंधन की रिपोर्ट के आधार पर वन्यप्राणी मुख्यालय बाघिन को वन विहार में स्थानांतरित (शिफ्ट) करने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत है। अगले हफ्ते इसके औपचारिक आदेश जारी हो जाएंगे।
सुंदरी को बाघ पुर्नस्थापना कार्यक्रम के तहत जून 2018 में ओडिशा के सतकोसिया टाइगर रिजर्व भेजने का निर्णय लिया गया था, लेकिन दो साल की उम्र में भी वह शिकार करने में सक्षम नहीं थी, सुंदरी के साथ वंश बढ़ाने के लिए कान्हा टाइगर रिजर्व से बाघ महावीर को भी भेजा गया था, लेकिन सतकोशियाम में नवंबर 2018 में बाघ महावीर को जहर देकर मार डाला गया, जबकि सुंदरी ने चार लोगों पर हमला कर दिया, जिसके बाद उसे नंदनकानन चिड़ियाघर के बाड़े में कैद कर दिया गया था। बाघिन को कैद करने के मामले में वन्यजीव प्रेमियों ने आपत्ति दर्ज की थी, मामले के तूल पकड़ने के बाद सीएम शिवराज ने दिसंबर 2020 में ओडिशा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बाघिन की हालत पर दुख प्रकट किया, और कान्हा नेशनल पार्क वापस आने तक उसके बेहतर इंजताम का अनुरोध किया था।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बाघिन को सतकोशिया से वापस लाने और उसे शिकार के गुर सिखाकर जंगल में छोड़ने के निर्देश दिए, जिसके बाद मार्च 2021 में कान्हा पार्क का दल सतकोसिया गया और बाघिन को ले आया। उसे घोरेला बाड़े में रखकर शिकार के गुर सिखाए। पार्क के संचालक एसके सिंह के अनुसार सुंदरी फिर से शिकार करना तो सीख गई है, लेकिन चिड़ियाघर में रहकर वह आदमी की नजदीकी की आदी हो गई, इसलिए आहट सुनते ही वह आदमी के नजदीक पहुंचने की कोशिश करती है। ऐसे में उसे खुले जंगल में छोड़ना खतरे से खाली नहीं है।