मध्य प्रदेश

Damoh : चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां बड़ी देवी के दरबार में पहुंचे हजारों

Tara Tandi
9 April 2024 6:23 AM GMT
Damoh : चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां बड़ी देवी के दरबार में पहुंचे  हजारों
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दमोह : पूरे दमोह की आस्था का केंद्र कहे जाने वाले मां बड़ी देवी के दरबार में चैत्र नवरात्र के पहले दिन मंगलवार सुबह चार बजे से हजारों श्रद्धालु कतार में लग गए। देवी मां को जल अर्पित कर उनके दर्शन करने पहुंचे। हजारी परिवार की कुलदेवी कही जाने वाली मां बड़ी देवी ने कभी अपने भक्तों को निराश नहीं किया। 400 वर्षों से यहां विराजमान हैं।
करीब चार सौ वर्ष पहले बड़ी देवी मंदिर में देवी की स्थापना की गई थी। इसके बाद से अब दूसरी बार यहां के मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसके लिए भक्तगण बढ़-चढ़कर उत्साह दिखा रहे हैं। मां बड़ी देवी मंदिर का इतिहास बताता है कि करीब चार सौ वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के कटहरा गांव से हजारी परिवार दमोह पहुंचा था। परिवार अपनी कुलदेवी मां महालक्ष्मी की मूर्ति लेकर दमोह पहुंचा था। माता की इस मूर्ति की स्थापना फुटेरा तालाब के पास स्थित उनकी ही जमीन पर की गई थी। इसके साथ ही मां सरस्वती और मां महाकाली की मूर्तियां भी स्थापित की गई थीं। इसके बाद यहां काफी चमत्कार हुए और बड़ी देवी के नाम से मां की प्रतिमा प्रसिद्ध हो गई।
बड़ी देवी मंदिर से खाली हाथ नहीं लौटे भक्त
मां जगतजननी की दमोह के फुटेरा वार्ड स्थित बड़ी देवी मंदिर में मूर्तियों की स्थापना होने के बाद से यहां भक्तों का पहुंचना शुरू हुआ। हजारी परिवार की कुलदेवी के सामने जिस किसी ने अपनी कामना रखी, मां जगतजननी ने उसकी इच्छा पूरी की है। कुछ ही समय में लोग हजारी परिवार की कुलदेवी को बड़ी देवी पुकारने लगे। अब देश भर में प्रसिद्ध तीर्थ बड़ी देवी के नाम से प्रचलित है। पूर्व में बड़ी खेरमाई और बगीचा वाली माई के नाम से भी लोग यहां माता के दर्शन करने पहुंचते थे।
मंदिर बनाने का पहला प्रयास हो गया था असफल
मंदिर के पुजारी पंडित आशीष कटारे ने बताया कि करीब दो सौ वर्ष पूर्व छपरट वाले ठाकुर साहब ने मनोकामना पूरी होने पर बड़ी देवी का मंदिर बनाने का प्रयास किया था, लेकिन गुंबद क्षतिग्रस्त होने के बाद काम रोक दिया गया था। इसके बाद 1979 में शहर के बाबूलाल गुप्ता ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। अब नया रूप मंदिर को दिया जा रहा है। इसके लिए लोग खुलकर दान कर रहे है। जल्द ही बड़ी देवी मंदिर का आकर्षक स्वरूप देखने मिलेगा।
नवरात्र में उमड़ता है भक्तों का सैलाब
बड़ी देवी मंदिर में दोनों ही नवरात्र भक्तों का मेला लगता है। जितनी भीड़ यहां सुबह होती है उससे ज्यादा शाम को होती है। मंगलवार को घट स्थापना के साथ ही सुबह 4 बजे से श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया। पंडित आशीष कटारे ने बताया कि भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए व्यवस्थाएं की गई है। बेरिकेडिंग के माध्यम से भक्तगण बारी-बारी से माता के दर्शन लाभ लेंगे। नवरात्र के दौरान परिसर में हे माता अम्बे, जय जगदंबे का अखंड संकीर्तन शुरू हो गया है, जो नवमी तक चलेगा। भक्त घटकप्पर जवारे भी अपने नाम से बुवाते है। शाम को आरती का आयोजन रोजाना किया जाएगा।
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