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छिंदवाड़ा में रिटायर्ड कर्मचारी ने अपनी पत्नी, बेटा-बेटी सहित खुद पर केरोसिन डालकर आग लगा ली। हादसे में दंपति की मौत हो गई, जबकि बेटा-बेटी की हालत गंभीर बनी हुई है। आर्थिक तंगी के चलते कदम उठाने की बात सामने आ रही है।
मध्य प्रदेश के जबलपुर संभाग स्थित छिंदवाड़ा बालाजी नगर क्षेत्र में आज उस वक्त सनसनी फैल गई, जब पति-पत्नी ने बेटा-बेटी सहित केरोसिन डालकर स्वयं को आग के हवाले कर लिया। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग घरों से बाहर आ गए, जिन्होंने किसी तरह चारों के शरीर से आग बुझाकर अस्पताल पहुंचाया, जहां दंपति की मौत हो गई, वहीं बेटा व बेटी की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार बालाजी नगर क्षेत्र में रहने वाले विनोद पाठक (72) कोऑपरेटिव बैंक से रिटायर्ड कर्मी थे। मौजूदा समय में पेंशन से गुजारा ना कर पाने के चलते वे काफी समय से परेशान रहा करते थे। शनिवार अलसुबह विनोद ने अपनी पत्नी कंचन (60), बेटी अपर्णा व बेटे प्रतीक पाठक के साथ सुबह 5 बजे के लगभग स्वयं पर केरोसिन डालकर आग लगा ली। आग की चपेट में आने के कारण परिवार के चारों सदस्यों में चीख-पुकार मच गई। शोर सुनकर आसपास के लोग घरों से बाहर आ गए। पड़ोसियों ने किसी तरह सभी के शरीर से आग बुझाकर अस्पताल पहुंचाया, जहां पर दंपति विनोद पाठक व उनकी पत्नी कंचन की उपचार के दौरान मौत हो गई। बेटे प्रतीक (28) व बेटी अपर्णा की हालत गंभीर बनी हुई है। 24 वर्षीय बेटी अपर्णा पाठक बुरी तरह से झुलस गई जिसे गंभीर हालत में नागपुर रेफर किया गया है। कहा ये भी जा रहा है कि माता-पिता ने बेटी के साथ आत्मदाह की कोशिश की थी, बेटा उन्हें बचाने में झुलसा है।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी, शुरुआती पूछताछ में यह जानकारी लगी है कि परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था, जिसके चलते परिवार के सदस्यों ने आत्मघाती कदम उठाया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने जब कमरे को खोला तो वहां पूरा सामान बिखरा पड़ा था, वहीं पास में केरोसिन का खाली डिब्बा भी मिला है जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि पहले केरोसिन डालकर उन्होंने आग लगाई।
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि विनोद के बेटे प्रतीक ने किसी चिटफंड कंपनी में पैसे डबल करने के नाम पर पैसे लगाए थे, जो फंस गए थे। जिसके चलते उनका परिवार कर्जदार हो गया था। इसी को लेकर परिवार परेशान था। बेटे को परेशानी से निकालने के लिए विनोद पाठक ने एक सूदखोर से ब्याज पर पैसे लिए थे जिसके चलते उन्हें चार लाख में मकान और एक खेत भी बेचना पड़ा था। इसके बाद भी उनकी समस्या कम नहीं हो रही थी।
विनोद पाठक के मकान मालिक ने संगम राय का कहना है कि पाठक परिवार मकान बेचकर पिछले कुछ महीनों से हमारे यहां किराए से रह रहा था। आज सुबह के पड़ोस में रहने वाले परिवार की आवाज सुनकर हम जागे और घटना का पता चला। पुलिस को सूचना दी। तत्काल फायर ब्रिगेड और पुलिस टीम ने झुलसे पति पत्नी और बच्चों को जिला अस्पताल पहुंचे। पति-पत्नी ने दम तोड़ दिया, बेटी का इलाज जारी है।