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इंदौर न्यूज़: शहर की ट्रैफिक समस्या को निजात दिलाने 140 किलोमीटर लंबे ग्रेटर रिंग रोड को बनाने का प्रस्ताव आगे बढ़ गया है. एनएचएआइ ने रिंग रोड निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण करने के लिए अधिकारी नियुक्त करने के लिए कलेक्टर से कहा है. डीपीआर बनाने के लिए कंसलटेंट भी नियुक्त कर दिया है.
जनप्रतिनिधियों के सुझाव पर एनएचएआइ ने ग्रेटर रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया था. क्रमश: 140, 145 और 161 किलोमीटर लंबी ग्रेटर रिंग रोड का प्रस्ताव बनाया था. शासन स्तर से 140 किलोमीटर लंबे रिंग रोड को बनाने की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है और अब तेजी से प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. करीब 140 किलोमीटर को रिंग रोड को बनाने मेें 6000 करोड़ की राशि खर्च होगी जिसमें केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार का 25 प्रतिशत हिस्सा होगा.
इंदौर शहर के अंदर आने वाले भारी वाहनों के कारण दुर्घटनाएं होती है, ट्रैफिक जाम की समस्या रहती है. इस खतरें को देखते हुए एनएचएआइ ने नए ग्रेटर रिंग रोड की योजना बनाई थी. शिप्रा से शुरू होकर शिप्रा के समीप ही समाप्त हो रहे रिंग बायपास की लंबाई करीब 139 किमी है और इस आधार पर ही 140 किलोमीटर लंबे रिंग रोड को स्वीकृति मिली है. एयरपोर्ट के पास से इसकी औसत दूरी 25 किमी की होगी. यह रिंग वर्तमान मास्टर प्लान में समाहित 79 गांवों की सीमा भी कवर करेगी. जमीन अधिग्रहण व निर्माण के लिए 6 हजार करोड़ की जरूरत होगी.
नए रिंग रोड के बनने की स्थिति में शहर का विस्तार मिलेगा और नई योजनाएं विकसित हो पाएगी. एनएचएआइ ने तीन विकल्प सुझाए थे जिसमें पहले 140 किलोमीटर का विकल्प चयनित हुआ है. इसकी लंबाई 140 किमी है. यह शिप्रा से शुरू होकर शिप्रा पर ही मिलेगा. इसमें एबी रोड के साथ पीथमपुर का नेट्रिप व खंडवा रोड के गांव भी शामिल रहेंगे. यह धार रोड से एबी रोड के बीच पीथमपुर सेक्टर सेवन के समीप से जाएगा. नेट्रिप से शिप्रा की ओर सनावदिया, बड़ियाकीमा के भी आगे से निकलते हुए बेगमखेड़ी, शिप्रा में मिलेगा.
दो अन्य विकल्प 145 किलोमीटर व 161 किलोमीटर के थे. अगर 161 किलोमीटर को मंजूरी मिलती तो यह देश का सबसे बड़ा रिंग रोड हो जाता. अभी 156 किलोमीटर का सबसे बड़ा रिंग रोड हैदराबाद में है. हैदराबाद का रिंग रोड 8 लेन का है, इंदौर का रिंंग रोड 4 या 6 लेन का होगा. एक महीने पहले ही एनएचएआइ ने कलेक्टर को पत्र लिखकर जमीन अधिग्रहण के लिए भू अर्जन अधिकारी की नियुक्त के लिए कहा है. डीपीआर बनाने के लिए एनएचएआइ ने ली एसोसिएट्स साउथ एशिया को कंसलटेंट नियुक्त किया है. सांसद शंकर लालवानी ने माना कि 140 किलोमीटर लंबी रिंग रोड बनाने की योजना को स्वीकृति मिली है. एनएचएआइ चेयरमैन इसे मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्री को भेजेंगे. दिल्ली में वे एनएचएआइ के चयरमैन से मुलाकात करेंगे.