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इंदौर: देवास के अजा-जजा के 51 छात्रावासों में रंगाई-पुताई, मरम्मत के नाम पर आई 2.40 करोड़ की राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक ने मौखिक आदेश पर ही ठेकेदार को काम पूरा होने से पहले ही भुगतान करवा दिया। जिन छात्रावासों में एक से डेढ़ लाख रु. के काम भी पूरे नहीं हुए, उनके पांच से छह लाख रु. तक के भुगतान कर दिए गए।
कलेक्टर ऋभव गुप्ता ने छात्रावासों का निरीक्षण किया तो छात्रों ने हकीकत बताई। उन्होंने मामले की जांच करवाई और रिपोर्ट संभागायुक्त संजय गोयल को भेजी। वहां से जिला संयोजक विवेक नागवंशी को सस्पेंड कर दिया गया है। ठेकेदार राजेंद्र दुबे के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी है।
दअरसल, कमिश्नर अजजा भोपाल ने देवास के अनुसूचित जनजाति के छात्रावासों की मरम्मत व रंगाई-पुताई के लिए 1.42 करोड़ 85 हजार रुपए (अनुक्षरण राशि) और कमिश्नर अजा भोपाल ने अनुसूचित जाति के छात्रावासों के लिए 97.85 लाख रुपए की राशि खातों में भेजी थी।
जिला संयोजक की जिम्मेदारी थी कि वे छात्रावासों में काम ठीक से करवाए लेकिन उन्होंने ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए काम के पहले ही भुगतान करवा दिया। जब मामले की जांच शुरू हुई तो कामों के भुगतान का रिकाॅर्ड, केश बुक, बिल बाउचर भी मेंटेन नहीं मिले। उलटा पता चला जो काम हुए उनमें भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा। पूरे मामले में विभाग के लेखापाल हेमंत की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है।