मध्य प्रदेश

आदिवासी वोटरों को साधने में जुटी कांग्रेस, नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी, विधानसभा चुनाव 2023 के पहले ही मध्य प्रदेश में तैयारी शुरू

Renuka Sahu
9 Aug 2022 4:13 AM GMT
Congress engaged in cultivating tribal voters, the responsibility entrusted to the leaders, preparations started in Madhya Pradesh even before the assembly elections 2023
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फाइल फोटो 

मध्य प्रदेश कांग्रेस विश्व आदिवासी दिवस पर प्रदेश भर में आयोजन करेगी। कांग्रेस विश्व आदिवासी दिवस और भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ मनायेगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मध्य प्रदेश कांग्रेस विश्व आदिवासी दिवस पर प्रदेश भर में आयोजन करेगी। कांग्रेस विश्व आदिवासी दिवस और भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ मनायेगी। जिसके लिए पार्टी के सभी बड़े नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। 2023 के चुनाव से पहले दोनों ही मुख्य पार्टियों का आदिवासियों पर फोकस बना हुआ है।

दरअसल कांग्रेस भारत छोड़ो आंदोलन की बरसी से स्वतंत्रता दिवस तक तिरंगा सम्मान महोत्सव और आदिवासी सम्मान उत्सव मनाएगी। इन कार्यक्रमों के लिए पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ पातालपानी में टंट्या मामा और जानापाव में भगवान परशुराम को प्रणाम करेंगे। 9 से 15 अगस्त हर जिले में तिरंगा यात्रा और आदिवासी सम्मान होंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विश्व आदिवासी दिवस पर संदेश देते हुए कहा कि विश्व आदिवासी दिवस की आप सभी को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं, आदिवासी वर्ग हमारी वन संपदा और पर्यावरण के प्रथम प्रहरी के रूप में सदैव जाने जाते है। आदिवासी वर्ग के उत्थान और उन्हें उनका हक़ दिलाने के लिये कांग्रेस सदैव संकल्पित रही है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी वर्ग के सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक हितो की न केवल कांग्रेस संरक्षक रही है बल्कि आदिवासी वर्ग की भलाई के लिए हरसंभव कार्ययोजनाएं भी कांग्रेस सरकारों के समय ही संचालित की गई, जिससे उनके विकास की नई इबारत लिखी गई।
वहीं कांग्रेस के आयोजन को लेकर अलग-अलग संभागों में बड़े बड़े नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, डॉ गोविंद सिंह, अजय सिंह राहुल अलग-अलग संभागों में कांग्रेस के इस अभियान को देखेंगे। और सुचारू रूप से कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले तक आदिवासी वर्ग का झुकाव बीजेपी की तरफ था। लेकिन 2018 के चुनाव में आदिवासियों के लिए आरक्षित 47 सीटों में से 30 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी को सिर्फ 16 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। और उसका फ़ायदा कांग्रेस को मिला था।हालांकि अब बीजेपी ने इसी वर्ग पर फोकस किया है। ऐसे में अब कांग्रेस भी अपने पुराने वोट बैंक को साधने में जुट गई है।
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