मध्य प्रदेश

कोरोना काल में हुए अनाथ बच्चों से सीएम शिवराज ने बंधवाई राखी

Rani Sahu
12 Aug 2022 6:17 PM GMT
कोरोना काल में हुए अनाथ बच्चों से सीएम शिवराज ने बंधवाई राखी
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कोरोना के काल मे अपने माता-पिता को खो चुके अनाथ बच्चों के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राखी का त्योहार मनाया
कोरोना के काल मे अपने माता-पिता को खो चुके अनाथ बच्चों के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राखी का त्योहार मनाया। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश भर से लगभग 250 बच्चे पहुंचे। इसके बाद सीएम शिवराज और पत्नी साधना सिंह चौहान को बच्चों ने राखी बांधी।
इस कार्यक्रम में बीजेपी के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा पहुंचे भी शामिल रहें। उन्होंने भी बेटियों से राखी बंधवाई और उन्हें तोहफे दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सामने कंचन अहिरवार और पूजा नामक बालिकाओं ने गीत की प्रस्तुत दी।
वहीं मुख्यमंत्री ने प्रतिभाशाली बच्चों का सम्मान किया। उन्‍हें पुष्‍प और प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। इस दौरान उन्होंने कई बालिकाओं से बातें की। जैसे शिवपुरी की जयश्री से बात करते समय मुख्यमंत्री ने कहा कोई दिक्कत तो नहीं। उन्होंने जयश्री से पूछा कि क्या बनोगी। जयश्री ने जवाब देते हुए कहा कि विधायक बनना है और इस पर मुख्यमंत्री ने ठिठोली करते हुए कहा विधायक जी घबरा जाएंगे।
वहीं कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना की हितग्राही प्रियंका वर्मा ने कहा मेरे मामा शिवराज ने खाने-पीने, रहने का इंतजाम करा दिया। जिसके बाद मामा ने कहा मैं हूं न। फिक्र न करना। इसके साथ ही आयुष चतुर्वेदी नाम के दिव्यांग बच्चे की व्हीलचेयर को थामे सीएम शिवराज ने सभी बच्चों को कई नामचीन हस्तियों के जीवन से जुड़ी कहानियां सुनाई।
इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री निवास पर लगी फोटो प्रदर्शनी बच्चों को दिखाई। दरअसल पिछली दीपावली पर कोरोना के दौरान अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के साथ दीपावली मनाई थी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन बच्चों को कई ऐसे दिग्गजों की भी कहानी सुनाई जिन्होंने हर कठिन परिस्थितियों में भी मुकाम हासिल किया। जैसे मशहूर अभिनेता रजनीकांत की कहानी सुनाते हुए कहा कि वे बहुत गरीब परिवार में पैदा हुए थे। 5 साल की उम्र में उनकी मांं दुनियां से चली गई। पिता पुलिस कॉन्टेबल थे। उन्होंने बस कंडक्टर,कुली, बढ़ई का काम किया। जिसके बाद वे एक्टिंग क्लास का विज्ञापन देखकर एक्टिंग की दुनियां में चले गए। और आज उन्हें देखो कि कितना दुनियां में नाम रोशन किया है।
इसी कड़ी में मिल्खा सिंह के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा किइनकाे द फ्लाइंग सिख के नाम से जाना जाता है। मिल्खा सिंह ने कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स 15 साल के थे उस समय पिता की हत्या हो गई थी। उनका बचनप संघर्षों से भरा था। वे चाहते तो टूट जाते लेकिन उन्होंने हार नहीं माने। वे सेना में गए और खेलों में अपना नाम रोशन किया।
Rani Sahu

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