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मध्य प्रदेश
मेडल जीतने पर प्रियांशी प्रजापत को सीएम शिवराज ने दी बधाई, पिता 11 बार रहे संभाग केसरी, अब बेटी ने लहराया तिरंगा
Renuka Sahu
29 Aug 2022 2:47 AM GMT
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फाइल फोटो
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन जिले की पहलवान प्रियांशी प्रजापत को बुल्गारिया में विश्व जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन जिले की पहलवान प्रियांशी प्रजापत को बुल्गारिया में विश्व जूनियर कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। चौहान ने कहा कि प्रियांशी ने सिद्ध कर दिया कि जहां चाह हो, वहां राह निकल ही आती है।
बुल्गारिया में हुई चैम्पियनशिप में प्रियांशी ने 30 देशों के खिलाड़ियों के बीच देश को मेडल दिलाया है। 15 अगस्त से 21 अगस्त के बीच बुल्गारिया में हुई जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 30 देशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया था। उनमें 50 किलोग्राम कैटेगरी में भारत की ओर से खेल रहीं उज्जैन की प्रियांशी प्रजापत ने अपनी प्रतिद्वंद्वी को हराकर अंतिम चार में जगह बनाई थी। इसके बाद उनका मुकाबला मंगोलिया की खिलाड़ी बुंखाबट से हुआ। प्रियांशी ने एकतरफा मुकाबला जीतकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया। जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में जीत दर्ज करने के बाद उज्जैन पहुंचीं प्रियांशी का जोरदार स्वागत हुआ।
पिता 11 बार रहे संभाग केसरी
जानकारी के मुताबिक, प्रियांशी का परिवार छोटे से दो कमरों में रहता है। घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। 18 साल की प्रियांशी चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर की हैं। सबसे बड़ी बहन सृष्टि का ब्रेन हेमरेज से निधन हो चुका है। वह भी रेसलर थीं। दूसरे नंबर की बहन नूपुर भी रेसलर हैं और सभी बहनों में सबसे छोटा भाई भी पहलवानी सीख रहा है। मां हाउस वाइफ हैं। पिता मुकेश खुद एक पहलवान रहे हैं। 1996-97 तक वह नेशनल प्लेयर रहे और 11 बार संभाग केसरी का खिताब भी जीता।
'महाकाल कर देते हैं खाने की व्यवस्था'
प्रियांशी के पिता मुकेश प्रजापत बताते हैं बच्चों को उन्होंने बहुत विपरीत परिस्थिति में पहलवानी कराई है। उन्होंने कहा, 'किस तरह यहां तक बच्चों को लेकर आया हूं, यह मेरा दिल ही जानता है। बस इतना जरूर है कि बाबा महाकाल की नगरी में रहता हूं, इसलिए भूखे उठते तो हैं, लेकिन भूखे सोते नहीं। सारी व्यवस्था महाकाल कर देते हैं। गुजारा हो जाता है, लेकिन बच्चों को वो डाइट नहीं दे पाता हूं, जो एक रेसलर के लिए जरूरी होती है।'
'ओलंपिक में गोल्ड लाने का सपना'
प्रियांशी ने कहा कि ब्रॉन्ज जीता है, लेकिन मेरा सपना ओलंपिक में गोल्ड लाने का है। प्रियांशी इससे पहले खेलो इंडिया 2019 में ब्रॉन्ज, खेलो इंडिया 2020 में गोल्ड और खेलो इंडिया 2021 में गोल्ड जीत चुकी हैं। 2018 सोनीपत में हुई नेशनल चैम्पियनशिप में प्रियांशी ने 2 गोल्ड जीते थे। वह 2019 एशियन चैम्पियनशिप में हिस्सा चुकी हैं। अब प्रियांशी 1 सितंबर से 5 सितंबर तक केरल में होने वाले नेशनल टूर्नामेंट की तैयारी कर रही हैं।
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